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अप्रैल तक मनाली-लेह सड़क मार्ग बहाल होने की उम्मीद, बर्फ हटाने का काम जारी

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Published : Mar 13, 2021, 9:22 AM IST

इन दिनों मनाली-लेह सड़क मार्ग की बहाली का कार्य किया जा रहा है. टनल बनने के बाद अब रोहतांग पर्यटन की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण रह गया है. बारालाचा दर्रा लेह को मनाली से, कुंजम दर्रा स्पीति को लाहौल से व शिंकुला दर्रा जंस्कार को लाहौल घाटी से जोड़ेगा.

बर्फ हटाने का काम जारी
बर्फ हटाने का काम जारी

कुल्लू: सीमा सड़क संगठन के द्वारा इन दिनों मनाली-लेह सड़क मार्ग की बहाली का कार्य किया जा रहा है. अगर मौसम ने साथ दिया तो अप्रैल माह में मनाली-लेह सड़क के सभी दर्रों को खोल दिया जाएगा. अटल टनल के चलते इस बार बीआरओ ने रोहतांग बहाली को प्राथमिकता न देकर बारालाचा दर्रे की बहाली को गति दी है.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग की बहाली को गति देते हुए बीआरओ बारालाचा दर्रे के समीप पहुंच गया है. टनल बनने के बाद अब रोहतांग पर्यटन की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण रह गया है. बारालाचा दर्रा लेह को मनाली से, कुंजम दर्रा स्पीति को लाहौल से व शिंकुला दर्रा जंस्कार को लाहौल घाटी से जोड़ेगा.

बीआरओ को राहत

समदो-ग्रांफू मार्ग मई-जून से पहले नहीं खुलता था. इस बार बर्फ नाममात्र पड़ने से समदो की ओर से बीआरओ की टीम कुंजम दर्रे को पार कर बातल के समीप पहुंच गई है, जबकि अटल टनल नॉर्थ पोर्टल से कुंजम की ओर बढ़ते हुए बीआरओ की टीम कोकसर से आगे निकल गई है. लेह लद्दाख भी इससे पहले मई-जून में बहाल होता रहा है, लेकिन इस बार अटल टनल बनने से बीआरओ को रोहतांग दर्रे के रूप में बड़ी राहत मिली है.

अटल टनल बनने से जंस्कार घाटी को सबसे अधिक लाभ

बीआरओ के अनुसार मौसम साफ रहने की सूरत में लेह को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मनाली से जोड़ दिया जाएगा. अटल टनल बनने से लाहौल व पांगी घाटी सहित लेह लद्दाख की जंस्कार घाटी को सबसे अधिक लाभ हुआ है. शिंकुला दर्रे के बहाल होते ही यह घाटी दारचा होते हुए सीधे मनाली से जुड़ जाएगी.

बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया कि एक साथ बारालाचा, कुंजम व शिंकुला दर्रे की बहाली शुरू कर दी है. मौसम ने साथ दिया तो सभी सड़कों को अप्रैल के पहले सप्ताह तक बहाल कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कुल्लू: 28 ग्राम चरस के साथ दो युवक गिरफ्तार

कुल्लू: सीमा सड़क संगठन के द्वारा इन दिनों मनाली-लेह सड़क मार्ग की बहाली का कार्य किया जा रहा है. अगर मौसम ने साथ दिया तो अप्रैल माह में मनाली-लेह सड़क के सभी दर्रों को खोल दिया जाएगा. अटल टनल के चलते इस बार बीआरओ ने रोहतांग बहाली को प्राथमिकता न देकर बारालाचा दर्रे की बहाली को गति दी है.

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग की बहाली को गति देते हुए बीआरओ बारालाचा दर्रे के समीप पहुंच गया है. टनल बनने के बाद अब रोहतांग पर्यटन की दृष्टि से ही महत्वपूर्ण रह गया है. बारालाचा दर्रा लेह को मनाली से, कुंजम दर्रा स्पीति को लाहौल से व शिंकुला दर्रा जंस्कार को लाहौल घाटी से जोड़ेगा.

बीआरओ को राहत

समदो-ग्रांफू मार्ग मई-जून से पहले नहीं खुलता था. इस बार बर्फ नाममात्र पड़ने से समदो की ओर से बीआरओ की टीम कुंजम दर्रे को पार कर बातल के समीप पहुंच गई है, जबकि अटल टनल नॉर्थ पोर्टल से कुंजम की ओर बढ़ते हुए बीआरओ की टीम कोकसर से आगे निकल गई है. लेह लद्दाख भी इससे पहले मई-जून में बहाल होता रहा है, लेकिन इस बार अटल टनल बनने से बीआरओ को रोहतांग दर्रे के रूप में बड़ी राहत मिली है.

अटल टनल बनने से जंस्कार घाटी को सबसे अधिक लाभ

बीआरओ के अनुसार मौसम साफ रहने की सूरत में लेह को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मनाली से जोड़ दिया जाएगा. अटल टनल बनने से लाहौल व पांगी घाटी सहित लेह लद्दाख की जंस्कार घाटी को सबसे अधिक लाभ हुआ है. शिंकुला दर्रे के बहाल होते ही यह घाटी दारचा होते हुए सीधे मनाली से जुड़ जाएगी.

बीआरओ के एक अधिकारी ने बताया कि एक साथ बारालाचा, कुंजम व शिंकुला दर्रे की बहाली शुरू कर दी है. मौसम ने साथ दिया तो सभी सड़कों को अप्रैल के पहले सप्ताह तक बहाल कर दिया जाएगा.

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