कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में सैकड़ों देवी-देवता ढालपुर मैदान में विराजे हैं. वहीं, सैकड़ों साल पुरानी परंपराओं का भी यहां पालन किया जा रहा है. दशहरा उत्सव के चौथे दिन भी भगवान नरसिंह की जलेब धूम धाम से निकाली गई. राजा की चांननी से यह जलेब शुरू की गई और कॉलेज गेट, कला केंद्र के पीछे से होते हुए जलेब के द्वारा पूरे शहर की परिक्रमा की गई.
जलेब के आगे भगवान नरसिंह की घोड़ी चलती रही और भगवान रघुनाथ के छड़ी बरदार महेश्वर सिंह भी पालकी में सवार होकर शहर की परिक्रमा में शामिल हुए. सोमवार को चौथे दिन भगवान नरसिंह की जलेब में रूपी घाटी के 4 देवताओं ने भाग लिया. हालांकि, सोमवार सुबह से ही कुल्लू में भारी बारिश चल रही थी, लेकिन शाम होते-होते मौसम थोड़ा साफ हुआ. वहीं, देवी-देवताओं के साथ आए श्रद्धालुओं ने भी जलेब में शिरकत की और नाचते गाते हुए इस जलेब की परिक्रमा को पूरा किया.
गौर रहे कि जलेब के माध्यम से भगवान नरसिंह पूरे क्षेत्र की परिक्रमा करते हैं. कहा जाता है कि इस जलेब के माध्यम से वह पूरे शहर की रक्षा करते हैं और आसुरी शक्तियां शहर में प्रवेश नहीं कर पाती है. जिस कारण अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान सभी देव कारज को निभाने में सफलता मिलती है.