कुल्लूः जिला कुल्लू घाटी में सेब का सीजन निपट चुका है. बागवानों ने रखरखाव के लिए सेब बगीचों का रुख कर दिया है, लेकिन बगीचों में कैंकर रोग के प्रकोप से बागवान परेशान हैं. सेब के बगीचों में कैंकर के हमले से पौधों की टहनियां सूख रही हैं.
बागवानों का कहना है कि सेब बगीचों में हर साल कैंकर रोग का दायरा बढ़ता जा रहा है. कई सेब के पेड़ कैंकर की चपेट में आने से सूख रहे हैं. इससे बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में बागवान आगामी फसल को लेकर चिंतित हो गए हैं. बागवानों का मानना है कि अगर सेब के पेड़ों में कैंकर रोग अधिक पनपता है तो इससे आगामी फसल भी प्रभावित होगी.
बागवान पूर्ण चंद, दिले राम, केशव राम, भाग चंद, संजय कुमार, चुन्नी लाल, नरोत्तम सिंह, बबली, रीना देवी, कमली राम, यशपाल ने कहा कि तीर्थन घाटी के कई बगीचों में कैंकर का प्रकोप बढ़ गया है. हर साल कैंकर के चलते कई पेड़ सूख रहे हैं.
उन्होंने मांग की कि बागवानी विभाग को इस संबंध में बागवानों का मार्गदर्शन करना चाहिए, जिससे कैंकर रोग से अपने सेब के पेड़ों को बचा सके. वहीं, इस संबंध में बागवानी विभाग के सहायक उद्यान विकास अधिकारी ज्ञान वर्मा ने कहा कि कैंकर रोग के उपचार के लिए बागवानों को धब्बे वाली जगह पर ब्लाइटोक्स लेप का इस्तेमाल करना चाहिए. ब्लाइटोक्स के लेप से पहले जो काले धब्बे होते हैं, उन्हें अच्छी तरह से टहनी से हटा लेना चाहिए.
अधिकारी ज्ञान वर्मा ने कहा कि बागवान अधिक समस्या आने की स्थिति में बागवानी विभागिय अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि बागवानों के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर जागरूकता शिविरों के माध्यम से विभिन्न जानकारियां प्रदान की जाती हैं.
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