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बड़े-बड़े रस्सों के सहारे पहाड़ी से उतरे बिजली महादेव, लुका-छुपी का खेल खेलकर किया जिया मेले का आगाज - kullu local news

कुल्लू के जिया गांव में तीन दिवसीय जिया मेले का (Jiya fair organized in Kullu) आगाज हो गया है. इस मेले का आगाज देवों के देव बिजली महादेव द्वारा एक अनोखे तरीके से किया जाता है जो अपने आप में ही खास है. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

Jiya fair organized in Kullu
जिया मेले का आगाज
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Published : Apr 14, 2022, 8:41 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के भुंतर स्थित जिया गांव में देवों के देव बिजली महादेव के पहुंचते ही तीन दिवसीय बिरशु शुरू हो गया है. बड़े-बड़े रस्सों के साथ पहाड़ी से बिजली महादेव के रथ को नीचे उतारा और उसके उपरांत पुरानी परंपरा के अनुसार गांव के बच्चों और महादेव के बीच लुका-छुपी का खेल शुरू हुआ. बिजली महादेव के आने से पहले ही गांव के बच्चे लकड़ी की तलवारें हाथ में लेकर गुप्त स्थानों में छिप गए.

देवों के देव महादेव ने सभी बच्चों को अपनी दिव्यदृष्टि से तुरंत ढूंढ निकाला. जिस स्थान पर बच्चे छिपे हुए होते हैं उस स्थान की ओर बिजली महादेव का रथ दौड़ पड़ता है और बच्चों को ढूंढा जाता है. जिया मेले को (Jiya fair organized in Kullu) गांव के लोग तीन दिन तक बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं. इन तीन दिनों में मेले के आयोजन को लेकर गांव में सभी के घरों में मेहमानों का आना-जाना लगा रहता है.

कुल्लू में जिया मेले का आगाज.

कुल्लू घाटी के हर कोने से लोग जिया मेला देखने और बिजली महादेव का आशीर्वाद लेने आते हैं. बिजली महादेव जिया मेले का शुभारंभ करने के लिए एक दिन पहले ही अपने देवालय से चलना शुरू कर देते हैं और उस रात को अपने गांव में ही ठहरते हैं. रात्रि भोज व विश्राम, भ्रैण गांव में ही किया जाता है. जिया और भ्रैण गांव के लोग जिया मेले को लेकर महादेव को लाने उनके गांव भ्रैण पहुंचते हैं. बड़ी श्रद्धा भाव के साथ महादेव को लाने की तैयारी की जाती है.

बिजली महादेव का रथ (Bijli Mahadev Kullu) पहाड़ी से बड़े-बड़े रस्सों के सहारे (Jiya fair organized in Kullu) नीचे उतारा जाता है. महादेव लावलशकर के साथ जिया गांव पहुंचते हैं. हर वर्ष की तरह इस बार भी बिजली महादेव लावलशकर के साथ जिया गांव की संगम स्थली पहुंचे और जिया मेले का आगाज किया. महादेव के आते ही गांव का माहौल धार्मिकमय हो गया. बता दें कि यह तीन दिवसीय मेला 14 से 16 अप्रैल तक चलेगा. बिजली महादेव गांव में बने शिव मंदिर में विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का यहां आना-जाना लगा रहता है. मेले को लेकर जिया के ग्रामीणों के यहां मेहमानों का आना जाना लगा रहता हैं और सबकी खूब आवभगत होती है.

ये भी पढे़ं: आस्था का प्रतीक विशु मेले का आगाज, दूर-दराज से पहुंच रहे लोग

कुल्लू: जिला कुल्लू के भुंतर स्थित जिया गांव में देवों के देव बिजली महादेव के पहुंचते ही तीन दिवसीय बिरशु शुरू हो गया है. बड़े-बड़े रस्सों के साथ पहाड़ी से बिजली महादेव के रथ को नीचे उतारा और उसके उपरांत पुरानी परंपरा के अनुसार गांव के बच्चों और महादेव के बीच लुका-छुपी का खेल शुरू हुआ. बिजली महादेव के आने से पहले ही गांव के बच्चे लकड़ी की तलवारें हाथ में लेकर गुप्त स्थानों में छिप गए.

देवों के देव महादेव ने सभी बच्चों को अपनी दिव्यदृष्टि से तुरंत ढूंढ निकाला. जिस स्थान पर बच्चे छिपे हुए होते हैं उस स्थान की ओर बिजली महादेव का रथ दौड़ पड़ता है और बच्चों को ढूंढा जाता है. जिया मेले को (Jiya fair organized in Kullu) गांव के लोग तीन दिन तक बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं. इन तीन दिनों में मेले के आयोजन को लेकर गांव में सभी के घरों में मेहमानों का आना-जाना लगा रहता है.

कुल्लू में जिया मेले का आगाज.

कुल्लू घाटी के हर कोने से लोग जिया मेला देखने और बिजली महादेव का आशीर्वाद लेने आते हैं. बिजली महादेव जिया मेले का शुभारंभ करने के लिए एक दिन पहले ही अपने देवालय से चलना शुरू कर देते हैं और उस रात को अपने गांव में ही ठहरते हैं. रात्रि भोज व विश्राम, भ्रैण गांव में ही किया जाता है. जिया और भ्रैण गांव के लोग जिया मेले को लेकर महादेव को लाने उनके गांव भ्रैण पहुंचते हैं. बड़ी श्रद्धा भाव के साथ महादेव को लाने की तैयारी की जाती है.

बिजली महादेव का रथ (Bijli Mahadev Kullu) पहाड़ी से बड़े-बड़े रस्सों के सहारे (Jiya fair organized in Kullu) नीचे उतारा जाता है. महादेव लावलशकर के साथ जिया गांव पहुंचते हैं. हर वर्ष की तरह इस बार भी बिजली महादेव लावलशकर के साथ जिया गांव की संगम स्थली पहुंचे और जिया मेले का आगाज किया. महादेव के आते ही गांव का माहौल धार्मिकमय हो गया. बता दें कि यह तीन दिवसीय मेला 14 से 16 अप्रैल तक चलेगा. बिजली महादेव गांव में बने शिव मंदिर में विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का यहां आना-जाना लगा रहता है. मेले को लेकर जिया के ग्रामीणों के यहां मेहमानों का आना जाना लगा रहता हैं और सबकी खूब आवभगत होती है.

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