लाहौल स्पीति: जिले के उदयपुर उपमंडल के कई गांवों तक सड़क सुविधा नहीं होने की वजह से किसानों की सब्जियां खराब हो रही है. शांशा व जाहलमा नाले में आई बाढ़ का भी असर किसानी की सैकड़ों टन सब्जियों पर पड़ा है. खराब हो चुकी सब्जियों को किसानों ने नाले में फेंक दिया. जिससे उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है.
हालांकि, बीआरओ ने कीर्तिंग गांव तक सड़क का विस्तार किया है. लेकिन, जिले के कई गांवों में अभी भी सड़क नहीं होने की वजह से किसानों को अपनी सब्जियां पीठ पर उठाकर लानी पड़ती है. कीर्तिंग गांव तक सब्जियां पीठ पर लाने के बाद किसान गाड़ियों से अपनी सब्जियां शहर तक पहुंचा रहे हैं.
बीआरओ के द्वारा शांशा नाले पर पैदल पुल बन जाने से किसानों को थोड़ी राहत मिली है. स्थानीय किसानों का कहना है कि बाढ़ के बाद अभी भी घाटी में हालात सामान्य नही हो पाए हैं. घाटी में छह माह ही खेती होती है और इस साल बारिश के चलते मटर व गोभी की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है.
राज्य के व्यापारी भी यहां खेतों में सब्जियां खरीदने के लिए पहुंचे हुए हैं. लेकिन, बाढ़ ने उनका भी लाखों रुपए का नुकसान कर दिया है. ऐसे में बाकी बची हुई सब्जियों को घाटी से बाहर निकालने के लिए सरकार जल्द से जल्द कोई उपाय तलाशें, ताकि बची हुई सब्जियों को बेच कर किसान अपनी लागत निकाल पाए.
लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने प्रदेश सरकार की हवाई उड़ानों पर तंज करते हुए कहा कि 2 उड़ानों में सिर्फ 18 लोग ही बाहर निकल पाए हैं. जबकि, ग्रामीण इलाकों में कई लोग बीमार पड़े हुए हैं. जिला प्रशासन व सरकार की ओर से कोई भी बड़ा अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचा है. जबकि स्थानीय विधायक व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ सिर्फ फोटो खींचाने में ही व्यस्त हैं.