कुल्लू: जिला कुल्लू के मनाली विधानसभा क्षेत्र पहुंची मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Himachal congress president Pratibha Singh ) ने प्रदेश सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा कि लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और मेंबर के वित्तीय लाभ को दरकिनार करते हुए सरकार को कर्मचारियों पर ध्यान देना चाहिए. मनाली विधानसभा के गाहर गांव पहुंचीं प्रतिभा सिंह ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश कैबिनेट में आयोग के सदस्यों के लिए वित्तीय लाभ का प्रारूप तैयार किया है.
इसी तरह से उन्हें कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना पर भी ध्यान देना चाहिए. आज प्रदेश में हजारों कर्मचारी सड़कों पर उतरे हुए हैं, लेकिन सरकार उनकी और कुछ भी नहीं सोच रही है. कांग्रेस कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखे हुए है और प्रदेश में सरकार बनते ही कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जाएगा. वहीं, प्रतिभा सिंह ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Pratibha Singh on Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) पर भी निशाना साधा.
सांसद प्रतिभा सिंह ने पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल हिमाचल प्रदेश की चिंता छोड़ दें और वे अपने प्रदेश दिल्ली की ओर ध्यान दें. सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक दुर्गम पहाड़ी राज्य है और यहां पर जिस तेजी से विकास हुआ है. वह पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह (Former Himachal Chief Minister Virbhadra Singh) की देन है. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने पूरे हिमाचल का पैदल भ्रमण किया और गांव-गांव जाकर लोगों की जन समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण भी किया. ऐसे में प्रदेश की जनता आम आदमी पार्टी के दुष्प्रचार में नहीं आने वाली है और न ही प्रदेश में आम आदमी पार्टी सफल होने वाली है.
बता दें कि बीते दिनों हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोकसेवा आयोग के चेयरमैन और मेंबर के लिए सौगात का पिटारा (Pratibha Singh on jairam government) खोला है. चेयरमैन व मेंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद एक हैंडसम अमाउंट मिलेगा. ये रकम एक निश्चित प्रक्रिया के अनुरूप मिलेगी. आयोग के चेयरमैन को अपने सेवाकाल के हर पूर्ण वर्ष पर छह हजार रुपये के हिसाब से पैसे मिलेंगे. तकनीकी रूप से इसे पेंशन की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा. इसी तरह आयोग के सदस्य को सेवानिवृत्त होने पर सेवाकाल के हर पूर्ण वर्ष यानी एवरी कंप्लीट इयर ऑफ सर्विस पर पांच हजार रुपये मिलेंगे. आयोग में ये कार्यकाल छह साल का होता है.
इस तरह चेयरमैन को सेवानिवृत्त होने पर कम से कम 36 हजार महीना और सदस्य को तीस हजार रुपये महीना मिल सकेगा. एक तरह से सरकार ने पेंशन न देकर एक अन्य रास्ते से राहत पहुंचाई है. इस समय सरकारी कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं. ऐसे में यदि राज्य सरकार आयोग के चेयरमैन व सदस्य को पेंशन का ऐलान करती तो उसकी तीव्र प्रतिक्रिया होनी थी.
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