कुल्लू: रक्षाबंधन पर्व (Raksha bandhan 2022) के लिए कुल्लू जिले में इस बार कुछ खास तरह की राखियां बनाई गई हैं. स्वयं सहायता समूह की 300 महिलाओं (Women self help group in Kullu) ने घर पर बेकार पड़ी साग्रमी से भाई-बहन के प्यार के पर्व रक्षाबंधन के लिए रक्षासूत्र तैयार किया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत कुल्लू ब्लाक की छह पंचायतों की महिलाओं ने घर पर बेकार पड़े सामान मोती, रुद्राक्ष, स्वेटर के बचे हुए धागे को विभिन्न तरह के डिजाइन देकर सुंदर व आकर्षक राखियां तैयार की हैं.
ढालपुर चौक पर कुल्लू ब्लाक की ओर से बनाई इन राखियों को बेचने के लिए एक स्टाल भी लगाया गया है. खास बात यह है कि बाजार के मुकाबले महिलाओं द्वारा तैयार की गई यह राखियां सस्ते दाम में मिल रही हैं. वहीं ये राखियां महिलाओं व युवतियों को खूब भा रही (Hand Made Rakhi in Kullu) हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कुल्लू ब्लाक में महिलाओं को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है, लेकिन इन महिलाओं ने बिना प्रशिक्षण के ही राखियां तैयार की हैं.
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ब्यासर, बंदरोल, जिदौड़, नलाहच, बाशिग व सारी कोठी की इन 300 महिलाओं ने तीन दिन में 20-20 से अधिक राखियां तैयार कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ता का रास्ता तैयार कर लिया है. 20 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिलाओं में कृष्णा, गीता, आरती, विमला, निती देवी, रितू सहित अन्य ने बताया कि एनआरएलएम योजना के तहत काफी कुछ सिखाया जा रहा है, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं.
कुल्लू ब्लाक की ओर से हर महिला को कम से कम 10 राखियां बनाने के लिए कहा गया था. हमने इससे अधिक राखियां बनाकर बाजार में उतारी हैं, जिन्हें पसंद किया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला सुमन लता ने बताया कि घर पर स्वेटर बुनने के बाद भी कई धागे बच जाते हैं और टोपियां तैयार करने के बाद भी मटेरियल बच जाता है. ऐसे में सभी महिलाओं ने मिलकर इन बेकार पड़ी चीजों से राखियां तैयार की और अब ढालपुर में राखियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को ये राखियों काफी आ रही हैं.
ये भी पढ़ें: Raksha bandhan 2022: रुद्राक्ष और तुलसी से बंधे हैं ये पवित्र धागे, भाइयों को बुरी नजरों से बचाएगी नजरबट्टू राखी