कुल्लूः जिला कुल्लू और लाहौल-स्पीति में इन दिनों हालडा उत्सव धूमधाम के साथ आयोजित किया जा रहा है. लाहौल और भुंतर घाटी में भी देर रात को हालडा उत्सव को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है. घाटी के लोगों ने इस मौके पर बड़ी-बड़ी मशालें जला कर नाचते-गाते हुए त्योहार मनाया.
त्योहार के दौरान सभी ने नाच-गान करते हुए एक-दूसरे को हालडा उत्सव की बधाई दी. इस मौके पर विभिन्न तरह से व्यंजन भी परोसे गए. महिलाओं ने पारंपरिक परिधान पहनकर सभी अतिथियों का लाहुली परंपरा के अनुसार शगुन करते हुए स्वागत किया.
माना जाता है कि हालडा के माध्यम से लोग आसुरी शक्तियों को भगाते हैं और नए साल के आगमन पर सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना करते हैं. इस बार घाटी में बर्फ की मोटी परत जमी हुई है. बर्फ की ठंडक के बीच भी लोगों में इस उत्सव को मनाने के लिए खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.
स्थानीय बुजुर्गों टशी व पलजोर का कहना है कि भले ही उत्सवों को मनाने का तौर-तरीका बदला है, लेकिन घाटी के लोग सदियों पुरानी परंपरा को कायम रखे हुए हैं. उनका कहना है कि घाटी में सर्दियों के दौरान देवता स्वर्ग प्रवास में चले जाते हैं और असुरी शक्तियों का बोलबाला अधिक रहता है. असुरी शक्तियों को भगाने के लिए ही हालडा उत्सव का आयोजन किया जाता है.
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