कुल्लू: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीते दिनों शिमला में हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार पर कई आरोप लगाए. वहीं, अब प्रदेश सरकार ने भी दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब दिया है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता पहले भी कई राज्यों में इस तरह के बयान दे चुके हैं, लेकिन इस तरह के बयान देने से पहले उन्हें हिमाचल प्रदेश के शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और स्कूलों की व्यवस्था के बारे में जानकारी (Govind Thakur attacks on Manish Sisodia) लेनी चाहिए.
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आरोपों का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि सिसोदिया का हिमाचल के स्कूलों का बंटाधार हो गया, ऐसा आरोप प्रदेश के 75 लाख लोगों का अपमान है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.23 करोड़ है और दिल्ली मैदानी और सुगम परिक्षेत्र है जबकि हिमाचल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला एक छोटा सा राज्य है. तथ्यों पर यदि बात की जाए तो दिल्ली में इतनी बड़ी आबादी पर केवल 1027 सरकारी स्कूल हैं, जबकि छोटे से हिमाचल प्रदेश में 15000 से अधिक सरकारी स्कूल में हैं.
दिल्ली के 80 प्रतिशत स्कूलों में हेडमास्टर और प्रिंसिपल नहीं: गोविंद ठाकुर ने कहा कि दिल्ली के 80 प्रतिशत स्कूलों में हेडमास्टर और प्रिंसिपल नहीं हैं. प्राथमिक शिक्षा से विश्वविद्यालय तक वहां 24 हजार से ज्यादा अध्यापकों के पद रिक्त हैं. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिले में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है. बेटियों के साथ दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार भेदभाव करती है. लड़कियों को केवल सिलाई-कढ़ाई ही सिखाई जाती है. सिसोदिया का बयान कि हिमाचल में निजी शिक्षण संस्थानों को लूट की छूट (Private Educational Institutions in Himachal) दी गई है, वह तथ्यों से कोसों दूर है. सबसे ज्यादा प्राइवेट स्कूल दिल्ली में हैं और देश में सबसे ज्यादा फीस इन्हीं स्कूलों में वसूली जाती है. इन स्कूलों पर दिल्ली सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश के लोग साक्षर और जागरूक हैं.
हिमाचल में साक्षरता दर बेहतर: हिमाचल के शिक्षा मंत्री ने कहा कि साक्षरता के मामले में देशभर में अव्वल (Literacy Rate in Himachal) है. दिल्ली सरकार 500 सरकारी स्कूल खोलने की बात कर रही थी, लेकिन केवल एक स्कूल खोला. शिक्षा के मॉडल की बात करने वालों ने 854 शराब के ठेके खोले. हिमाचल में 15000 स्कूलों में 8 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं और उच्च शिक्षा सहित सरकारी क्षेत्र में 10 लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. प्रदेश में 16 विश्वविद्यालय हैं. मंडी में एक नया विश्वविद्यालय खोला जा रहा है.
हिमाचल में शिक्षक-शिक्षार्थी अनुपात दिल्ली के मुकाबले बेहतर: गोविंद ठाकुर ने कहा कि शिक्षा विभाग में यहां एक लाख के करीब कर्मचारी हैं, जिनमें 80 हजार अध्यापक हैं. हिमाचल में शिक्षक-शिक्षार्थी अनुपात (teachers in himachal) न केवल दिल्ली बल्कि देशभर में अव्वल है. यहां 11 विद्यार्थियों पर एक अध्यापक हैं, जबकि दिल्ली में 32.7 विद्यार्थियों पर एक अध्यापक हैं. उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया शिक्षा के नाम पर सनसनी फैलाना चाहते हैं. हिमाचल के सभी स्कूलों में शौचालयों की सुविधा है. आलीशान स्कूल भवन बनाए गए हैं. प्रदेश के तीन हजार स्कूलों में प्री-नर्सरी की कक्षाएं आरंभ की गई हैं. संस्कृत और वैदिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाकर बच्चों को वैश्विक नागरिक बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है.
गोविंद सिंह ठाकुर का आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप: गोविंद ठाकुर ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार वाले राज्यों में हर रोज दंगे होते हैं. हनुमान जयंती पर दंगे हुए. पंजाब में आप की सरकार बनी तो खालिस्तान के नारे और झंडे लगने शुरू हो गये. प्रदेश के वाहनों को किरतपुर में रोका गया. दिल्ली सरकार के 70 में से 36 विधायक अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं. वहीं, पंजाब में 32 विधायकों पर हत्या और चोरी जैसे अपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में सुख शांति है और विकास व जनकल्याण भाजपा की प्राथमिकता रहा है. उन्होंने कहा कि पंजाब के 90 कमांडो अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में हैं.
मनीष सिसोदिया ने शिमला में किया था अभिभावकों और शिक्षाविदों से संवाद: बता दें कि 17 मई को हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लेने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया शिमला (Manish Sisodia visits Shimla) पहुंचे और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर अभिभावकों और शिक्षाविदों से संवाद किया. इस दौरान उन्होंने जहां प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की जानकारी ली वहीं, दिल्ली मॉडल के बारे में भी बताया. मनीष सिसोदिया ने हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला था.
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