कुल्लूः तहसील के छदौड़ गांव के शोभा राम के पास पर्याप्त भूमि होने के बावजूद उसे परिवार का गुजर-बसर करने के लिए काफी मशक्त करनी पड़ती थी. खेतीबाड़ी के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता था. साथ ही कड़ी मेहनत के बाद नकदी फसलों की आमद तो न के बराबर थी.
शोभाराम ने जनमंच के दौरान सौर सिंचाई योजना के बारे में सुना और उनका ध्यान अपनी बंजर भूमि की ओर गया. उन्होंने योजना के बारे में जहां-तहां पता करने की कोशिश की और वह संबंधित विभाग के अधिकारी के पास पहुंचे.
शोभा राम को अधिकारियों ने सौर सिंचाई योजना का लाभ प्राप्त करने की तमाम प्रक्रिया के बारे में समझाया और उन्हें फार्म इत्यादि भी उपलब्ध करवाए. योजना के प्रति शोभा राम की जिज्ञासा को देखते हुए अधिकारियों ने उसकी काफी मदद भी की. शोभा राम ने अपनी जमीन के साथ लगते चार और किसानों का समूह बनाया.
बोरवेल के लिए विभाग से मिला अनुदान
सभी किसानों को योजना के फायदे के बारे में बताया. उसने पानी के टैंक और बोरवेल के लिए अपना आवेदन कृषि विभाग में किया. विभाग ने बोरवेल के लिए एक लाख 10 हजार रुपये का अनुदान दिया, जबकि पानी के सामुदायिक टैंक के लिए लगभग पांच लाख रुपये की राशि प्रदान की.
फसलों के लिए पानी कमी नहीं
बोवेल अब शोभा राम के खेतों के लिए पानी की कोई कमी नहीं थी. उसने परिवार के सभी सदस्यों को अपने खेतों में अलग-अलग प्रकार की नकदी फसलों की बीजाई के काम में लगा दिया. सेब के पौधों के साथ-साथ लहसुन, मटर व अन्य साग सब्जियां भी लगाई गई.
तीन गुणा बढ़ गई आय
शोभा राम के बेटे राकेश कुमार के अनुसार एक साल में ही उनकी आय तीन गुणा से अधिक बढ़ गई. वर्ष 2020 में कोरोना के संकट के बीच भी परिवार ने एक लाख रुपये से अधिक की कमाई केवल सब्जी से ही की.
सामुदायिक टैंक से चार अन्य किसानों को लाभ पहुंचा हैं. इनमें उमेश, खेम सिंह, भोला राम व दीना राम शामिल हैं. इन किसानों की पैदावार में भी गुणात्मक वृद्धि हुई है. टैंक से वर्तमान में लगभग 20 बीघा भूमि को सिंचाई की सुविधा मिली है.
क्या है योजना
जिला के उप-भूसरंक्षण अधिकारी डॉ. मनोज गौतम ने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सौर सिंचाई योजना वर्ष 2018 में शुरू की थी. योजना के तहत सरकार कम से कम पांच किसान समूह की ओर से सोलर पम्पिंग मशीनरी स्थापित करने के लिए शत-प्रतिशत व्यय वहन करने का प्रावधान था. योजना के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान कुल्लू जिला के लिए कुल एक करोड़ 75 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया. इस अवधि में जिला में कुल 39 मामले स्वीकृत किए गए.
किसानों से योजना का लाभ लेने का आग्रह
डॉ. मनोज का कहना है कि सौर सिंचाई योजना का नाम अब पीएम कुसुम योजना किया गया है. वर्तमान में योजना के तहत 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने चालू वित्त वर्ष के दौरान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए जिला के किसानों से आग्रह किया है.
ये भी पढ़ें- मई महीने से नए हेलिकॉप्टर में उड़ान भरेंगे सीएम जयराम