कुल्लू: जिला लाहौल स्पीति के केलांग पुलिस थाना में तैनात कांस्टेबल धनीराम के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. अपेंडिक्स की बीमारी से पीड़ित धनीराम को 17 जनवरी को पुलिस के जवानों व स्थानीय लोगों की मदद से 7 किलोमीटर बर्फ में पैदल चलकर पहले अटल टनल पहुंचाया गया और उसके बाद वाहन के माध्यम से कुल्लू अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां डॉक्टरों द्वारा उसका इलाज किया गया. जानकारी के अनुसार ऑपरेशन के बाद भी धनीराम की हालत ठीक नहीं है.
कांस्टेबल धनीराम के भाई अजय कुमार का कहना है कि धनीराम को 13 जनवरी को केलंग अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें कुल्लू अस्पताल के लिए रेफर किया था, लेकिन मौसम में खराबी के चलते हवाई उड़ान न होने के कारण उन्हें सरकारी हेलीकॉप्टर की सुविधा नहीं मिल पाई. धनीराम की खराब हालत को देखते हुए परिजनों ने निजी कंपनी से चौपर किराए पर लिया और उसे हवाई रेस्क्यू के लिए लाहौल घाटी भेजा, लेकिन रोहतांग दर्रा में मौसम खराब होने के चलते चौपर को रोहतांग दर्रा से वापस सिस्सू हेलीपैड लौटना पड़ा. ऐसे में पुलिस जवानों व अन्य स्थानीय लोगों की मदद से पैदल ही उन्हें टनल के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया.
उनका कहना है कि धनीराम के पिता ऑटो चला कर अपना गुजारा करते हैं. चॉपर का किराया भी उन्होंने अपने रिश्तेदारों से पैसे मांग कर भरा है. चौपर का किराया 1.20 लाख रुपये बना है. ऐसे में अब उनकी प्रदेश सरकार से मांग है कि दुर्गम क्षेत्रों में सरकारी सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए इमरजेंसी में हवाई उड़ान की व्यवस्था भी होनी चाहिए और निजी तौर पर चॉपर मंगवाए जाने पर उसका खर्च भी प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए.
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