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कुल्लू में होम आइसोलेशन की निगरानी के लिए पंचायत स्तर पर बनेंगी कमेटियां

डीसी कुल्लू डाॅ. ऋचा वर्मा ने होम आइसोलेशन की उल्लंघना न हो, इसके लिए पंचायत स्तर पर जिला में लगभग 850 टीमों का गठन किया गया है जो लगातार ऐसे रोगियों पर नजर रख रही हैं. इन समितियों में अधिकारियों के अलावा पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.

DC Kullu richa verma
DC Kullu richa verma
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Published : Nov 29, 2020, 8:25 PM IST

कुल्लूः प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में कुल्लू जिला प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. डीसी कुल्लू डाॅ. ऋचा वर्मा ने रविवार को प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि जिला में अभी तक कुल 26,030 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 3521 पाॅजिटिव पाए गए हैं.

कुल्लू में कोरोना के एक्टिव मामले 789 हैं जबकि 2697 लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है. जिला में अभी तक 65 लोगों ने कोरोना के कारण जान गवांई है, लेकिन इनमें दो मामले नाॅन कोविड के शामिल हैं.

वीडियो.

गंभीर लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर सेंटरों में रखा जा रहा

डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन और गंभीर लक्षण वालों को कोविड केयर सेंटरों में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर नजर रखने के लिए आशा और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं.

मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर प्रदान किए गए

डीसी कुल्लू ने कहा कि 60 साल की आयु से उपर के मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर प्रदान किए गए हैं और साथ में दिशा-निर्देशिका भी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि वे अपने ऑक्सीजन स्तर की स्वयं निगरानी कर सकें. उन्होंने कहा कि आक्सीजन स्तर यदि 90 से कम हो रहा हो तो मरीज को तुरंत से आपातकालीन नम्बर 1077 पर अथवा स्वास्थ्य केन्द्र को सूचित करना चाहिए.

हालांकि ऐसे मरीजों की आशा द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है और उन्हें आवश्यक दवाईयां भी प्रदान की जा रही हैं. रोगी के नेगेटिव आने पर ऑक्सीमीटर को वापस लिया जाता है ताकि ऐसे दूसरे मरीजों को उपलब्ध करवाया जा सके.

पंचायत स्तर पर बनी कमेटियां

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में मरीज को रखने के बारे में चिकित्सक निर्णय लेते हैं. होम आइसोलेशन की उल्लंघना न हो, इसके लिए पंचायत स्तर पर जिला में लगभग 850 टीमों का गठन किया गया है जो लगातार ऐसे रोगियों पर नजर रख रही हैं. इन समितियों में अधिकारियों के अलावा पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें- हिमाचल के BBN में बनेगी रूस की कोरोना वैक्सीन, इस कंपनी में जल्द शुरू हो सकता है उत्पादन

ये भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र को लेकर नहीं हुआ फैसला, CM: चर्चा के बाद लेंगे अंतिम निर्णय

कुल्लूः प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में कुल्लू जिला प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. डीसी कुल्लू डाॅ. ऋचा वर्मा ने रविवार को प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि जिला में अभी तक कुल 26,030 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से 3521 पाॅजिटिव पाए गए हैं.

कुल्लू में कोरोना के एक्टिव मामले 789 हैं जबकि 2697 लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली है. जिला में अभी तक 65 लोगों ने कोरोना के कारण जान गवांई है, लेकिन इनमें दो मामले नाॅन कोविड के शामिल हैं.

वीडियो.

गंभीर लक्षण वाले मरीजों को कोविड केयर सेंटरों में रखा जा रहा

डाॅ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के मरीजों को होम आइसोलेशन और गंभीर लक्षण वालों को कोविड केयर सेंटरों में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों के ऑक्सीजन स्तर पर नजर रखने के लिए आशा और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं.

मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर प्रदान किए गए

डीसी कुल्लू ने कहा कि 60 साल की आयु से उपर के मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर प्रदान किए गए हैं और साथ में दिशा-निर्देशिका भी उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि वे अपने ऑक्सीजन स्तर की स्वयं निगरानी कर सकें. उन्होंने कहा कि आक्सीजन स्तर यदि 90 से कम हो रहा हो तो मरीज को तुरंत से आपातकालीन नम्बर 1077 पर अथवा स्वास्थ्य केन्द्र को सूचित करना चाहिए.

हालांकि ऐसे मरीजों की आशा द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है और उन्हें आवश्यक दवाईयां भी प्रदान की जा रही हैं. रोगी के नेगेटिव आने पर ऑक्सीमीटर को वापस लिया जाता है ताकि ऐसे दूसरे मरीजों को उपलब्ध करवाया जा सके.

पंचायत स्तर पर बनी कमेटियां

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि होम आइसोलेशन या कोविड केयर सेंटर में मरीज को रखने के बारे में चिकित्सक निर्णय लेते हैं. होम आइसोलेशन की उल्लंघना न हो, इसके लिए पंचायत स्तर पर जिला में लगभग 850 टीमों का गठन किया गया है जो लगातार ऐसे रोगियों पर नजर रख रही हैं. इन समितियों में अधिकारियों के अलावा पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है.

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