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हमीरपुर में पंचायत घर बेचने के आरोप पर नरेश कुमार दर्जी की सफाई, मामले को बताया राजनीतिक साजिश - नरेश कुमार दर्जी ने बेचा पंचायत घर

हमीरपुर जिले की सासन पंचायत में पंचायक घर को बेचने के (Hamirpur Panchayat Ghar Case) आरोपों पर जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी ने सफाई दी है. उन्होंने स्थानीय विधायक पर आरोप लगाते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव को लड़ने से रोकने के लिए यह साजिश की जा रही है. उन्होंने सभी आरोपों को साफ नकार दिया है.

Hamirpur Panchayat Ghar Case
हमीरपुर पंचायत घर मामला
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Published : Jan 29, 2022, 5:27 PM IST

हमीरपुर: हमीरपुर जिले में पंचायत घर को बेचने के मामले पर जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी (Hamirpur Zila Parishad Vice President) ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा है. नरेश कुमार दर्जी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. स्थानीय विधायक पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत सक्रिय हैं. ऐसे में उन्हें टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उन्हें जेल के अंदर ही डाल दिया जाए. वह किसी भी हालत में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

उपाध्यक्ष ने यह तर्क दिया कि प्रदेश भर में इस तरह की खरीद-फरोख्त और सबलेटिंग हो रही है. लेकिन, उन्हें ही टारगेट किया जा रहा है. यहां तक की जिला परिषद उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम लेने से भी नहीं चूके. दर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्थानीय जिले में भी इस तरह से दुकानें बेची जा रही हैं. वहीं, पंचायत घर को बेचने के आरोपों पर उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी ने कहा कि जब वह पंचायत प्रधान थे, तब उन्होंने सराय में ही पंचायत को चलाया था.

इसके बाद नया पंचायत घर (Hamirpur Panchayat Ghar Case) बनाया गया और उस सराय पर जिसका कब्जा था. उससे 2013 में उनके बेटे ने उसे खरीद लिया था. यहां पर 4 मरले/बिशवे भूमि को 3 लाख में खरीदा गया था. बाद में उनके बेटे ने इसे किसी और को 5 लाख में बेच दिया था. उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस खरीद-फरोख्त में कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सासन पंचायत का अपना भवन है, जो कि 2 मंजिला है. जिस पंचायत घर को बेचने की बात कही जा रही है, वहां साल 1988 में एक सराय थी.

वीडियो.

बाद में कुछ समय तक इसमें पंचायत को भी चलाया गया. लेकिन, यह सराय किसी और के कब्जे में थी. उन्होंने कहा कि न तो यहां पर पंचायत घर को बेचा गया है और न ही वर्तमान समय में यहां पर कोई पंचायत घर है. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर जो धाराएं लगाई हैं, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले में उन्होंने कुछ भी गैर कानूनी और गलत नहीं किया है. यदि उनके खिलाफ गलत कार्रवाई की जाएगी, तो वह कोर्ट में इस मामले को ले जाएंगे.

क्या है मामला: बता दें कि जिला परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी और उनके बेटे पर सरकारी पंचायत घर को राजस्थान के रहने वाले एक व्यक्ति को बेचने के आरोप लगे (Naresh Kumar sold panchayat ghar) हैं. कुछ समय पहले जिला प्रशासन हमीरपुर को सासन पंचायत के निवासी व्यक्ति द्वारा इस बात की शिकायत दी गई थी. प्रारंभिक छानबीन के बाद शिकायत में तथ्य सही पाए जाने पर जिला प्रशासन की तरफ से मामला पुलिस को फॉरवर्ड किया गया है.

बताया जा रहा है जिला प्रशासन की प्रारंभिक छानबीन के बाद तथ्य सही पाए गए हैं. जिसके बाद अब सदर थाना हमीरपुर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी और उनके बेटे रविंद्र कुमार दर्जी पर केस दर्ज (FIR against Hamirpur Zila Parishad Vice President) किया है. शिकायत में सासन पंचायत के निवासी बलबीर ने आरोप लगाए हैं कि जिला परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी ने प्रधान रहते हुए साल 2013 में अपने बेटे रविंद्र कुमार दर्जी के साथ मिलकर सासन पंचायत घर को बेच दिया था.

ये भी पढ़ें: जिला परिषद उपाध्यक्ष ने प्रधान रहते बेटे के साथ मिलकर बेच दिया पंचायत घर, मामला दर्ज

हमीरपुर: हमीरपुर जिले में पंचायत घर को बेचने के मामले पर जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी (Hamirpur Zila Parishad Vice President) ने मीडिया के सामने आकर अपना पक्ष रखा है. नरेश कुमार दर्जी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है. स्थानीय विधायक पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत सक्रिय हैं. ऐसे में उन्हें टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह पीछे नहीं हटेंगे, चाहे उन्हें जेल के अंदर ही डाल दिया जाए. वह किसी भी हालत में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

उपाध्यक्ष ने यह तर्क दिया कि प्रदेश भर में इस तरह की खरीद-फरोख्त और सबलेटिंग हो रही है. लेकिन, उन्हें ही टारगेट किया जा रहा है. यहां तक की जिला परिषद उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम लेने से भी नहीं चूके. दर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्थानीय जिले में भी इस तरह से दुकानें बेची जा रही हैं. वहीं, पंचायत घर को बेचने के आरोपों पर उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी ने कहा कि जब वह पंचायत प्रधान थे, तब उन्होंने सराय में ही पंचायत को चलाया था.

इसके बाद नया पंचायत घर (Hamirpur Panchayat Ghar Case) बनाया गया और उस सराय पर जिसका कब्जा था. उससे 2013 में उनके बेटे ने उसे खरीद लिया था. यहां पर 4 मरले/बिशवे भूमि को 3 लाख में खरीदा गया था. बाद में उनके बेटे ने इसे किसी और को 5 लाख में बेच दिया था. उपाध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस खरीद-फरोख्त में कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा कि सासन पंचायत का अपना भवन है, जो कि 2 मंजिला है. जिस पंचायत घर को बेचने की बात कही जा रही है, वहां साल 1988 में एक सराय थी.

वीडियो.

बाद में कुछ समय तक इसमें पंचायत को भी चलाया गया. लेकिन, यह सराय किसी और के कब्जे में थी. उन्होंने कहा कि न तो यहां पर पंचायत घर को बेचा गया है और न ही वर्तमान समय में यहां पर कोई पंचायत घर है. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर जो धाराएं लगाई हैं, वह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले में उन्होंने कुछ भी गैर कानूनी और गलत नहीं किया है. यदि उनके खिलाफ गलत कार्रवाई की जाएगी, तो वह कोर्ट में इस मामले को ले जाएंगे.

क्या है मामला: बता दें कि जिला परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी और उनके बेटे पर सरकारी पंचायत घर को राजस्थान के रहने वाले एक व्यक्ति को बेचने के आरोप लगे (Naresh Kumar sold panchayat ghar) हैं. कुछ समय पहले जिला प्रशासन हमीरपुर को सासन पंचायत के निवासी व्यक्ति द्वारा इस बात की शिकायत दी गई थी. प्रारंभिक छानबीन के बाद शिकायत में तथ्य सही पाए जाने पर जिला प्रशासन की तरफ से मामला पुलिस को फॉरवर्ड किया गया है.

बताया जा रहा है जिला प्रशासन की प्रारंभिक छानबीन के बाद तथ्य सही पाए गए हैं. जिसके बाद अब सदर थाना हमीरपुर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत जिला परिषद उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी और उनके बेटे रविंद्र कुमार दर्जी पर केस दर्ज (FIR against Hamirpur Zila Parishad Vice President) किया है. शिकायत में सासन पंचायत के निवासी बलबीर ने आरोप लगाए हैं कि जिला परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष नरेश कुमार दर्जी ने प्रधान रहते हुए साल 2013 में अपने बेटे रविंद्र कुमार दर्जी के साथ मिलकर सासन पंचायत घर को बेच दिया था.

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