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जमीनी विवाद के निपटारे के लिए हमीरपुर में Pilot Project शुरू - जमीनी विवाद के निपटारे

हमीरपुर जिले में जमीनी विवाद से जुड़े हुए मामलों को भू-स्वामित्व योजना (land ownership plan) के तहत प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों में कोई संशय और आशंका न हो इसे लेकर कार्यशाला (Workshop) आयोजित की गई ताकि लोगों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान हो सके.

Workshop hamirpur
land ownership plan
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Published : Nov 12, 2021, 4:01 PM IST

हमीरपुर: भू-स्वामित्व योजना (land ownership plan) के तहत बचत भवन हमीरपुर में कार्यशाला (Workshop) का आयोजन किया गया. खंड विकास अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और राजस्व कर्मियों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया. वहीं, कार्यशाला में निदेशक भू-अभिलेखा हंसराज चौहान, उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक सहित कई अधिकारी भी मौजूद रहे.


इस सन्दर्भ में जानकारी देते हुए उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक (Deputy Commissioner Hamirpur Devshweta Banik) ने बताया कि यह भारत सरकार की एक योजना है जिसे देश के कई राज्यों में शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. इसी के तहत बीडीओ और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जानकारी देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि गांव में कई जगह पर आवासीय क्षेत्र में संपत्ति का रिकार्ड नहीं होता है जिस कारण इसमें मालिकाना हक का पता नहीं चलता. ऐसे में भारत सरकार द्वारा भू-स्वामित्व योजना चलाई गई है.

वीडियो.



बता दें कि प्रधानमंत्री भू-स्वामित्व योजना को हमीरपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में शुरू किया जा रहा है. इस योजना के तहत हमीरपुर जिले में राष्ट्रीय सर्वे ब्यूरो द्वारा आबादी, लाल लकीर और लाल डोरा भूमियों का ड्रोन और अन्य राजस्व रिकार्ड के तहत सर्वे कर भूमि के असली मालिकों को उनके मालिकाना हक दिए जाएंगे. इससे उन लोगों को न केवल जमीन का मालिकाना हक मिलेगा बल्कि उन लोंगों को ऋण लेने में भी सुविधा होगी.

ये भी पढ़ें : National Achievement Survey: एजुकेशन हब हमीरपुर में परीक्षा का आयोजन, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये एग्जाम

हमीरपुर: भू-स्वामित्व योजना (land ownership plan) के तहत बचत भवन हमीरपुर में कार्यशाला (Workshop) का आयोजन किया गया. खंड विकास अधिकारियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और राजस्व कर्मियों ने इस कार्यशाला में हिस्सा लिया. वहीं, कार्यशाला में निदेशक भू-अभिलेखा हंसराज चौहान, उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक सहित कई अधिकारी भी मौजूद रहे.


इस सन्दर्भ में जानकारी देते हुए उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक (Deputy Commissioner Hamirpur Devshweta Banik) ने बताया कि यह भारत सरकार की एक योजना है जिसे देश के कई राज्यों में शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. इसी के तहत बीडीओ और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को जानकारी देने के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि गांव में कई जगह पर आवासीय क्षेत्र में संपत्ति का रिकार्ड नहीं होता है जिस कारण इसमें मालिकाना हक का पता नहीं चलता. ऐसे में भारत सरकार द्वारा भू-स्वामित्व योजना चलाई गई है.

वीडियो.



बता दें कि प्रधानमंत्री भू-स्वामित्व योजना को हमीरपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में शुरू किया जा रहा है. इस योजना के तहत हमीरपुर जिले में राष्ट्रीय सर्वे ब्यूरो द्वारा आबादी, लाल लकीर और लाल डोरा भूमियों का ड्रोन और अन्य राजस्व रिकार्ड के तहत सर्वे कर भूमि के असली मालिकों को उनके मालिकाना हक दिए जाएंगे. इससे उन लोगों को न केवल जमीन का मालिकाना हक मिलेगा बल्कि उन लोंगों को ऋण लेने में भी सुविधा होगी.

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