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किसान के साथ खाना खाने के दौरान पूर्व सीएम धूमल को अन्नदाता से ली थी ये सीख - शिक्षक दिवस

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि गुरू और शिक्षक का रिश्ता पवित्र माना जाता है, लेकिन ये रिश्ता महज किताबों और स्कूलों तक ही सीमित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि कई बार जिंदगी में अनढ़ व्यक्ति भी विद्वानों को सबक सिखा जाता है, बशर्ते विद्वानों में सीखने की लालसा होनी चाहिए.

teachers day celebrated in hamirpur
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Published : Sep 5, 2019, 8:02 PM IST

हमीरपुर: जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में शिक्षक दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मुख्यातिथि के रुप में मौजूद रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि गुरू और शिक्षक का रिश्ता पवित्र माना जाता है, लेकिन ये रिश्ता महज किताबों और स्कूलों तक ही सीमित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि कई बार जिंदगी में अनढ़ व्यक्ति भी विद्वानों को सबक सिखा जाता है, बशर्ते विद्वानों में सीखने की लालसा होनी चाहिए.

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पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि जब वो कॉलेज में पढ़ाते थे, तब वो कॉलेज की कैंटीन में खाना खाते थे. एक दिन वो कैंटीन में खाना खाने पहुंचे तो वहां पर लगभग सभी मेज खाली थी, वो एक मेज पर जाकर बैठ गए. इसी बीच एक किसान वहां आया और उनके साथ टेबल पर बैठ गया. मेज के पास एक वेटर आया उसने दो खाली गिलास और एक पानी से भरा जग रख दिया. इसके बाद अनपढ़ किसान ने पहले मेरे गिलास में पानी डाला फिर अपने गिलास में, इससे मुझे सीख मिली की पहले दूसरों की सेवा करने की सीख मिली थी.

हमीरपुर: जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में शिक्षक दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मुख्यातिथि के रुप में मौजूद रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि गुरू और शिक्षक का रिश्ता पवित्र माना जाता है, लेकिन ये रिश्ता महज किताबों और स्कूलों तक ही सीमित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि कई बार जिंदगी में अनढ़ व्यक्ति भी विद्वानों को सबक सिखा जाता है, बशर्ते विद्वानों में सीखने की लालसा होनी चाहिए.

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पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि जब वो कॉलेज में पढ़ाते थे, तब वो कॉलेज की कैंटीन में खाना खाते थे. एक दिन वो कैंटीन में खाना खाने पहुंचे तो वहां पर लगभग सभी मेज खाली थी, वो एक मेज पर जाकर बैठ गए. इसी बीच एक किसान वहां आया और उनके साथ टेबल पर बैठ गया. मेज के पास एक वेटर आया उसने दो खाली गिलास और एक पानी से भरा जग रख दिया. इसके बाद अनपढ़ किसान ने पहले मेरे गिलास में पानी डाला फिर अपने गिलास में, इससे मुझे सीख मिली की पहले दूसरों की सेवा करने की सीख मिली थी.

Intro:टीचर डे स्पेशल स्टोरी

टीचर डे स्पेशलः पूर्व सीएम धूमल बोले एक अनपढ़ ने मुझे सिखा दिया जिंदगीभर का सबक
हमीरपुर। 
गुरू और शिक्षक का रिश्ता पवित्र माना जाता है। लेकिन यह रिश्ता महज किताबों और स्कूलों तक ही सीमित नहीं होता है। कई बार जिंदगी में अनपढ़ व्यक्ति भी विद्वानों को सबक सिखा जाते है, बशर्ते विद्वानों में सीखने की लालसा और अभिमान से उनकी दूरी हो। टीचर डे पर जिला हमीरपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणीदेवी में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रोफैसर प्रेम कुमार धूमल ने अपने अनुभवों से टीचर डे पर यह अनुभूति करवाई। प्रोफैसर धूमल ने कहा कि जब वह बतौर प्रोफैसर कॉलेज में पढ़ाते थे तो उनके साथ एक घटना घटी। मैने इस घटना के बारे में कईं बार अपने छात्रों को भी बताया और पब्लिक मीटिंग में इस बात को स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में पढ़ा कर जब वह एक कैंटीन में जाकर खाना खाने जाते थे, एक दिन वह कैंटीन में खाना खाने पहुंचे तो वहां पर लगभग सभी मेज खाली थी। वह एक मेज पर जाकर बैठ गए। कुछ ही देर बाद एक किसान वहां आया शायद वह अनपढ़ वह मेरे साथ टेबल पर आकर बैठ गया। मैंने सोचा इतने टेबल लगे थे कहीं और जाकर बैठ जाता। लेकिन जो शिक्षा उस व्यक्ति ने मुझे उन दिन दी मैं उसे सारी जिंदगी नहीं भूल सकता। मेज के पास एक वेटर आया उसने दो खाली गिलास और एक पानी से भरा जग रख दिया। उस अनपढ़ किसान ने पहले मेरे गिलास में पानी डाला फिर बाद में अपने गिलास में। वह जिंदगी भर के लिए मुझे शिक्षा दे गया पहले सेवा दूसरो की करो। इसके बाद कार्यक्रम में महज तालियों की ही गूंज थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव से कार्यक्रम मौजूद हर शख्स को एक सीख मिली कि जिंदगी हर पल आपको सिखाती है। 


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