हमीरपुर: नगर परिषद हमीरपुर (Municipal Council Hamirpur) के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सोमवार को शहर से कचरा नहीं उठा. हमीरपुर शहर में डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन योजना के तहत ठेकेदार के कर्मचारी घर-घर से कूड़ा उठाते हैं. इन कर्मचारियों का आरोप है कि संबंधित ठेकेदार पिछले 3 साल से उनको ईपीएफ की सुविधा नहीं दे रहा है.
कर्मचारियों का यह भी कहना है कि कचरा ट्रीटमेंट प्लांट में नगर परिषद के 2 रेगुलर कर्मचारी तैनात हैं वह मनमानी कर रहे हैं. सफाई कर्मचारी सोमवार को हड़ताल के चलते नगर परिषद के कार्यालय में एकत्र हो गए. कार्य ठप पड़ने के बाद नगर परिषद हमीरपुर के अधिकारियों ने सफाई ठेकेदारों को कार्यालय में तलब किया. यहां पर ठेकेदारों को सफाई कार्य को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश जारी किए गए.
हालांकि दोपहर 2 बजे तक सफाई कर्मचारी कार्य पर नहीं लौटे हैं. सफाई कर्मचारी का कहना है कि पिछले 3 साल से उनको ईपीएफ के सुविधा नहीं दी जा रही है. नगर परिषद के अधिकारियों और पदाधिकारियों की अनदेखी के कारण सफाई कर्मचारियों का लगातार शोषण हो रहा है.
कचरा ट्रीटमेंट प्लांट (waste treatment plant in Hamirpur) पर नगर परिषद के नियमित कर्मचारी मनमानी से कार्य कर रहे हैं और यहां पर सूखे और गीले कूड़े के नाम पर कमीशन खोरी की जा रही है. ट्रीटमेंट प्लांट के अंदर लगाई गई मशीनों को भी नहीं चलाया जा रहा है.
नगर परिषद हमीरपुर के कार्यकारी अधिकारी किशोरी लाल ठाकुर ने कहा कि सफाई कर्मचारी बिना सूचना के हड़ताल पर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाने के निर्देश दिए गए हैं बावजूद इसके कचरा ट्रीटमेंट प्लांट में कचरा एक साथ ले जाए जा रहा है.
ठेकेदारों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग उठाया जाए. सफाई कर्मचारियों ने ईपीएफ की सुविधा न दिए जाने की शिकायत दी है इस विषय पर ठेकेदारों को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं कि सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुपालन सुनिश्चित करें.
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