हमीरपुर: कांग्रेस में हुए बड़े फेरबदल के बाद शीर्ष नेताओं के एकजुटता के तमाम दावों के विपरीत हमीरपुर कांग्रेस की एकजुटता में रार (Dispute in Hamirpur Congress) अब भी बरकरार है. जिला मुख्यालय स्थित निजी होटल में पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया और हिमाचल कांग्रेस रिसर्च कमेटी के नवनियुक्त कन्वीनर सुनील शर्मा की उपस्थिति में आयोजित कांग्रेस सम्मेलन इस बार कांग्रेस में बवाल की वजह बना है.
कांग्रेस हाईकमान की तरफ से किए गए बड़े फेरबदल में हमीरपुर जिले पर खास फोकस किया गया है. बावजूद इसके जमीन पर नेताओं की उलझन अब फिर सामने आई है. ब्लॉक कांग्रेस कमेटी हमीरपुर के अध्यक्ष सुरेश पटियाल ने निजी होटल में पिछले शनिवार हुए सम्मेलन के सिलसिले में जिला अध्यक्ष हमीरपुर कांग्रेस राजेन्द्र जार को शिकायत सौंपी है. शनिवार को यह सम्मेलन जिला मुख्यालय स्थित निजी होटल में आयोजित हुआ था और 1 दिन बाद इस आयोजन पर बवाल हो गया है. शिकायत मिलने के बाद हमीरपुर कांग्रेस अध्यक्ष राजेंद्र जार ने सम्मेलन का आयोजन करने वाले नेताओं को पार्टी हित का ध्यान रखने की नसीहत दे डाली है.
सम्मेलन पर बवाल, टिकट के लिए मचा सियासी घमासान- जिला मुख्यालय हमीरपुर के एक निजी होटल में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित हुआ था. इस सम्मेलन में आगामी विधानसभा चुनावों और कांग्रेस के नेताओं के संभावित हमीरपुर दौरों को लेकर चर्चा हुई थी. इस सम्मेलन में विशेष रुप से पिछले विधानसभा चुनावों में हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया और हिमाचल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव तथा हाल ही में हिमाचल कांग्रेस रिसर्च कमेटी के कन्वीनर नियुक्त किए गए सुनील शर्मा बिट्टू मौजूद रहे थे. यह दोनों नेता हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी टिकट की दौड़ में हैं. ऐसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Dispute in Hamirpur Congress) सम्मेलन के बहाने टिकटार्थियों में सियासी घमासान मच गया है.
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में टिकट आवंटन कांग्रेस के लिए बनेगा चुनौती- हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में (Himachal assembly elections) कांग्रेस हाईकमान के लिए टिकट आवंटन चुनौती होगा. 5 विधानसभा क्षेत्र वाले हमीरपुर जिले में बड़सर, नादौन और सुजानपुर में टिकट तय हैं. इन तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के स्थापित नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजेंद्र राणा और इंद्र दत्त लखन पाल को टिकट मिलना तय है जो वर्तमान में विधायक हैं. हमीरपुर जिले में कांग्रेस के लिए टिकट आवंटन की दृष्टि से उलझन वाले क्षेत्र हमीरपुर और भोरंज विधानसभा हैं. कुलदीप पठानिया और सुनील शर्मा बिट्टू के साथ ही कई अन्य नेता भी टिकट की दौड़ में है. ऐसे में इन दोनों नेताओं के जुगलबंदी पर टिकट के अन्य तलबगारों और कांग्रेस की सियासत में रुचि रखने वालों की निगाहें टिकी हुई हैं. इन दोनों नेताओं की यह जुगलबंदी प्रदेश कांग्रेस में हुए बड़े बदलाव से पहले ही बदलाव की चर्चाओं के दौर में ही नजर आना शुरू हो गई थी.
दूसरे दलों के समाजसेवी टिकटार्थियों की सेवा में जुटे कांग्रेस पदाधिकारियों पर क्यों मुंह नहीं खोलते नेता- पूर्व विधायक कुलदीप पठानिया से जब इस विषय पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन कांग्रेस पार्टी के हित में ही किया गया है और कांग्रेस से जुड़े लोगों से ही इस सम्मेलन में चर्चा हुई है. इस आयोजन में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे और आगामी चुनावों के दृष्टिगत चर्चा हुई है. इस दौरान भी यह स्पष्ट कहा गया था कि टिकट चाहे किसी को भी मिले जीत कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित की जाएगी.
उन्होंने कहा कि जो लोग अब पार्टी हित की नसीहत दे रहे हैं वह उन शिकायतों पर भी गौर करें जिसमें पार्टी के कुछ पदाधिकारी दूसरे दल से टिकट की दौड़ में जुटे समाजसेवियों के कार्यक्रमों में नजर आते हैं. कांग्रेस पार्टी के बैनर तले अन्य दलों से टिकट की दौड़ में जुटे सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए कांग्रेस के यह पदाधिकारी आए दिन बैठक और कार्यक्रम अरेंज कर रहे हैं. इस पर टिप्पणी करने से यह नेता क्यों गुरेज कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से यह चर्चा उठ रही है इस पर जिला के अध्यक्ष क्यों कुछ करते और बोलते नहीं हैं. दूसरे दल से टिकट की लाइन में लगे समाजसेवी टिकटार्थियों की सेवा में जुटे कांग्रेस पदाधिकारियों पर क्यों यह नेता मुंह नहीं खोलते हैं.
सम्मेलन के लिए सबको विश्वास में नहीं लोगे तो होता है बंटाधार- हमीरपुर कांग्रेस के अध्यक्ष राजेंद्र जार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हुए बड़े फेरबदल के बाद नेताओं के हमीरपुर आगमन को लेकर जो भी कार्यक्रम आयोजित होंगे वह जिला कांग्रेस कमेटी हमीरपुर का अधिकार क्षेत्र है. इस पर नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर राय देने से गुरेज करना चाहिए. उन्होंने कहा कि निजी होटल में एक कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित हुआ है और इस सिलसिले में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश पटेल की तरफ से शिकायत मिली है.
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता सम्मेलन अथवा बैठक संबंधित ब्लॉक कांग्रेस कमेटी या फिर जिला कांग्रेस कमेटी को विश्वास में लेकर किया जाना चाहिए. जहां पर ऐसा नहीं किया जाता है वहां पर एक तो पार्टी का बंटाधार होना निश्चित होता है और दूसरी ओर विपक्षी और मीडिया में भी इसे गुटबाजी की संज्ञा दी जाती है. उन्होंने नेताओं को इस तरह के कार्यों पर भविष्य में रोक लगाने की नसीहत भी दी है.