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कोरोना संकट में भोरंज के किसान ने किया कमाल, उगाई 8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल

भोरंज के कक्कड़ पंचायत के ज्ञान चंद कौंडल ने ऑर्गेनिक खेती करके सब्जियां उगाई हैं. उन्होंने अपने खेत में 8 फीट 40 इंच लंबा पंडोल उगाया और कक्कड़ में उगाया है. किचन गार्डन में उगाई गई सब्जियों की उपयोगिता कोरोना काल में ज्यादा बढ़ गई है. एक ओर जहां इस आपात स्थिति में सब्जी खरीदने में संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है.

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Published : Jul 21, 2020, 4:28 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 11:09 AM IST

Organic farming
8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल.

भोरंज/हमीरपुर: कोरोना महामारी के संकट काल के दौरान भोरंज के कई गांवों में लोगों का रुख खेती की तरफ बड़ा है. खास कर किचन गार्डनिंग की ओर लोग सक्रिय हो रहे हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा लम्बी व स्वस्थ सब्जियां उगाने की होड़ लग गई है. जिला में लोगों ने 8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल उगाया और कक्कड़ में उगाया है.

किचन गार्डन में उगाई गई सब्जियों की उपयोगिता कोरोना काल में ज्यादा बढ़ गई है. एक ओर जहां इस आपात स्थिति में सब्जी खरीदने में संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है. वहीं, दूसरी ओर उपमण्डल भोरंज के परिवारों ने अपने किचन गार्डन से हर रोज केमिकल रहित ऑर्गेनिक सब्जियों की पैदावार की, जिससे की परिवार की सेहत का ख्याल रखा है जा रहा, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके.

उपमण्डल भोरंज के कक्कड़ पंचायत के ज्ञान चंद कौंडल ने ऑर्गेनिक खेती करके सब्जियां उगाई हैं. उन्होंने अपने खेत में 8 फीट 40 इंच लंबा पंडोल उगाया और कक्कड़ उगाया है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खेत में पंडोल के बीज बोए थे व समय-समय पर पानी देते थे. साथ ही घर पर तैयार खाद की मदद से पंडोल का खास ख्याल रखा आज उनकी मेहनत रंग लाई है और 8 फीट 40 इंच लंबे पंडोल उगे हैं.

Organic farming done by people in Kakkar Panchayat of Bhoranj
8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल के साथ किसान.

इसके साथ ही रोशन लाल पुत्र दीप चंद गांव भुक्कड़ चौक ने लगभग 3 फिट 4 इंच की लौकी उगाई है. उन्होंने बताया को थोड़ी देखभाल और पानी व समय समय पर घर पर तैयार खाद की मदद से लौकी का खास ख्याल रखते है. औसतन डेढ़ से 2 फीट के बीच होती है, लेकिन उनके किचन गार्डन में 3 फीट 4 इंच की लौकी उगी है अभी और लम्बी होने की सम्भावना है.

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान भोरंज के किसानों ने फिर से खेती की और रुख करना शुरू कर दिया है. कोरोना काल में फ्री समय में लोगों ने अपने किचन गार्डन व खेत खलिहानों को संवारने में लगाया है, जिससे उनकी पैदावार बड़ी है.

गौरतलब है कि कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान लोग घरों से बाहर बाजारों तक बहुत कम पहुंच रहे थे, जिस पर उन्होंने अपनी खुद की सब्जियां उगाने पर अधिक ध्यान दिया. परिणामस्वरूप उन्हें अब इसका फल भी अच्छा मिल रहा है, जिससे भोरंज किसानों का खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें: मुश्किल हालात में भी बेहतर काम के लिए रास्ता निकालना आज की आवश्यकता: CM जयराम

भोरंज/हमीरपुर: कोरोना महामारी के संकट काल के दौरान भोरंज के कई गांवों में लोगों का रुख खेती की तरफ बड़ा है. खास कर किचन गार्डनिंग की ओर लोग सक्रिय हो रहे हैं. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा लम्बी व स्वस्थ सब्जियां उगाने की होड़ लग गई है. जिला में लोगों ने 8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल उगाया और कक्कड़ में उगाया है.

किचन गार्डन में उगाई गई सब्जियों की उपयोगिता कोरोना काल में ज्यादा बढ़ गई है. एक ओर जहां इस आपात स्थिति में सब्जी खरीदने में संक्रमण फैलने का भय बना हुआ है. वहीं, दूसरी ओर उपमण्डल भोरंज के परिवारों ने अपने किचन गार्डन से हर रोज केमिकल रहित ऑर्गेनिक सब्जियों की पैदावार की, जिससे की परिवार की सेहत का ख्याल रखा है जा रहा, ताकि संक्रमण के खतरे से बचा जा सके.

उपमण्डल भोरंज के कक्कड़ पंचायत के ज्ञान चंद कौंडल ने ऑर्गेनिक खेती करके सब्जियां उगाई हैं. उन्होंने अपने खेत में 8 फीट 40 इंच लंबा पंडोल उगाया और कक्कड़ उगाया है. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खेत में पंडोल के बीज बोए थे व समय-समय पर पानी देते थे. साथ ही घर पर तैयार खाद की मदद से पंडोल का खास ख्याल रखा आज उनकी मेहनत रंग लाई है और 8 फीट 40 इंच लंबे पंडोल उगे हैं.

Organic farming done by people in Kakkar Panchayat of Bhoranj
8 फीट 40 इंच लंबी पंडोल के साथ किसान.

इसके साथ ही रोशन लाल पुत्र दीप चंद गांव भुक्कड़ चौक ने लगभग 3 फिट 4 इंच की लौकी उगाई है. उन्होंने बताया को थोड़ी देखभाल और पानी व समय समय पर घर पर तैयार खाद की मदद से लौकी का खास ख्याल रखते है. औसतन डेढ़ से 2 फीट के बीच होती है, लेकिन उनके किचन गार्डन में 3 फीट 4 इंच की लौकी उगी है अभी और लम्बी होने की सम्भावना है.

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान भोरंज के किसानों ने फिर से खेती की और रुख करना शुरू कर दिया है. कोरोना काल में फ्री समय में लोगों ने अपने किचन गार्डन व खेत खलिहानों को संवारने में लगाया है, जिससे उनकी पैदावार बड़ी है.

गौरतलब है कि कोरोना काल में कर्फ्यू के दौरान लोग घरों से बाहर बाजारों तक बहुत कम पहुंच रहे थे, जिस पर उन्होंने अपनी खुद की सब्जियां उगाने पर अधिक ध्यान दिया. परिणामस्वरूप उन्हें अब इसका फल भी अच्छा मिल रहा है, जिससे भोरंज किसानों का खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है.

ये भी पढ़ें: मुश्किल हालात में भी बेहतर काम के लिए रास्ता निकालना आज की आवश्यकता: CM जयराम

Last Updated : Jul 23, 2020, 11:09 AM IST
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