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अराजपत्रित कर्मचारी संघ भोरंज ने SDM को सौंपा ज्ञापन, इन समस्याओं का हल करने की मांग

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भोरंज इकाई जिला हमीरपुर ने भोरंज एसडीएम डॉ. अमित कुमार के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है. महासंघ ने मांग की है कि अंधाधुद निजीकरण व ठेका प्रणाली प्रथा को बंद किया जाए.

Non-Gazetted Employees Union
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भोरंज
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Published : Jul 27, 2020, 12:19 PM IST

भोरंज: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भोरंज इकाई जिला हमीरपुर ने भोरंज एसडीएम डॉ. अमित कुमार के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि पिछले ढाई सालों से सरकार का कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने में उदासीनता भरा रवैया रहा है.

महासंघ ने आज तक 56 सूत्रीय मांग पत्र सौंपे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से उन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. साथ ही जेसीसी की कोई बैठक नहीं हो रही है. महासंघ का कहना है कि 6 महीने में एक बार जेसीसी की बैठक का होना जरूरी है. राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर देश की सभी राज्य सरकारों को कर्मचारी संगठनों ने राष्ट्रीय मुद्दों के साथ ही स्थानीय कर्मचारियों की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपे हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर 24 जुलाई से 30 जुलाई तक सरकार जगाओ अभियान के अंतर्गत सोमवार को हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी प्रतिनिधियों ने इस अभियान में हिस्सा लिया. महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर के नेतृत्व में महासंघ की भोरंज इकाई जिला हमीरपुर ने अपनी मांगों को लेकर महासंघ ज्ञापन सौंपा है. वेतन आयोग की रिपोर्ट को पंजाब सरकार का इंतजार किए बिना तुरंत लागू करे. पुरानी पेंशन बहाल की जाए और फ्रीज डीए को भी बहाल किया जाए.

महासंघ ने मांग की है कि अंधाधुद निजीकरण व ठेका प्रणाली प्रथा को बंद किया जाए. कर्मचारी श्रमिक विरोधी नीतियों सरकार वापस ले और रद्द श्रम कानूनों को बहाल किया जाए. उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों और श्रमिकों की वेतन विसंगतियां दूर हो और उन्हें पूरा वेतन दिया जाए. सरकार व कर्मचारी संगठन को आगे बढ़ने के लिए आपसी विश्वास की बहाली जरूरी है.

ये भी पढ़ें: कांगड़ा में रविवार को मिले 8 नए कोरोना मरीज, 5 हुए ठीक

भोरंज: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भोरंज इकाई जिला हमीरपुर ने भोरंज एसडीएम डॉ. अमित कुमार के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि पिछले ढाई सालों से सरकार का कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने में उदासीनता भरा रवैया रहा है.

महासंघ ने आज तक 56 सूत्रीय मांग पत्र सौंपे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से उन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है. साथ ही जेसीसी की कोई बैठक नहीं हो रही है. महासंघ का कहना है कि 6 महीने में एक बार जेसीसी की बैठक का होना जरूरी है. राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर देश की सभी राज्य सरकारों को कर्मचारी संगठनों ने राष्ट्रीय मुद्दों के साथ ही स्थानीय कर्मचारियों की समस्या को लेकर ज्ञापन सौंपे हैं.

राष्ट्रीय स्तर पर 24 जुलाई से 30 जुलाई तक सरकार जगाओ अभियान के अंतर्गत सोमवार को हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी प्रतिनिधियों ने इस अभियान में हिस्सा लिया. महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एनआर ठाकुर के नेतृत्व में महासंघ की भोरंज इकाई जिला हमीरपुर ने अपनी मांगों को लेकर महासंघ ज्ञापन सौंपा है. वेतन आयोग की रिपोर्ट को पंजाब सरकार का इंतजार किए बिना तुरंत लागू करे. पुरानी पेंशन बहाल की जाए और फ्रीज डीए को भी बहाल किया जाए.

महासंघ ने मांग की है कि अंधाधुद निजीकरण व ठेका प्रणाली प्रथा को बंद किया जाए. कर्मचारी श्रमिक विरोधी नीतियों सरकार वापस ले और रद्द श्रम कानूनों को बहाल किया जाए. उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों और श्रमिकों की वेतन विसंगतियां दूर हो और उन्हें पूरा वेतन दिया जाए. सरकार व कर्मचारी संगठन को आगे बढ़ने के लिए आपसी विश्वास की बहाली जरूरी है.

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