हमीरपुर: एक लाख रुपये रिश्वत के आरोप में निलंबित कानूनगो के जिला प्रशासन ने विजिलेंस जांच के बीच ही भोरंज उपमंडल के भरेड़ी में फील्ड कानूनगो के पद पर तबादला आदेश जारी कर दिए हैं. इसके खिलाफ हमीरपुर के लोगों ने नाराजगी जताई है.
लोगों का कहना है कि आरोपी कानूनगो को फील्ड में लगाने की बजाय ऑफिस कानूनगो के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिए था ताकि भरेड़ी के लोगों के राजस्व से संबंधित कार्य प्रभावित न हो सके. हमीरपुर शहर में एक दुकान के इंतकाल की एवज में एक लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने 15 अगस्त को इस कानूनगो के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया था.
मामला दर्ज होने के बाद विजिलेंस पूछताछ में आरोपी ने रिश्वत लेने की बात कबूलते हुए 50 हजार रुपये विजिलेंस को लौटा दिए थे. जिला प्रशासन ने केस दर्ज होने के बाद 17 अगस्त को संबंधित कानूनगो को निलंबित करके भोरंज तहसील में अटैच किया था. विजिलेंस ने शुक्रवार को मोबाइल फोन और सीसीटीवी की डीवीआर फोरेंसिक लैब धर्मशाला में जांच के लिए भेजी हुई है जिससे आरोपी की शक्ल और आवाज की पुष्टि हो सके.
विजिलेंस में इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन इसी बीच शुक्रवार को उपायुक्त हमीरपुर ने जिला के 98 कानूनगो और पटवारियों के जिला के भीतर ही इधर से उधर तबादले कर दिए. इनमें निलंबित कानूनगो भी शामिल है. तबादला आदेश में 98 राजस्व कर्मचारियों में 21 कानूनगो और 77 पटवारी शामिल हैं.
वहीं, उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि रिश्वत के आरोप में कानूनगो निलंबित ही चल रहा है जिसका हेडक्वार्टर भोरंज निर्धारित किया गया है. तकनीकी कारणों और नियमों के तहत उसका वेतन का भुगतान करने के लिए उसे भरेड़ी में फील्ड कानूनगो के पद पर ट्रांसफर किया गया है.
ये भी पढ़ें- एंट्रेंस एग्जाम के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन, परीक्षाएं स्थगित करने की केन्द्र से मांग