हमीरपुरः 15 लोगों की रिपोर्ट को नेगेटिव बताकर उन्हें घर भेजने के मामले से चर्चा में आए डुंगरी क्वारंटाइन सेंटर में पहले भी बड़ी लापरवाही बरती गई थी. इस क्वारंटाइन सेंटर में प्रशासन की व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है. अब आरोप लगे हैं कि यहां पर 26 मई मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव आए लोगों को तुरंत शिफ्ट करने की बजाय रात भर यहीं रखा गया.
डूंगरी क्वारंटाइन सेंटर में 27 मई 12 बजे बाद इन 7 लोगों को दो एंबुलेंस के माध्यम से प्राइमरी आइसोलेशन सेंटर एनआईटी हमीरपुर के हॉस्टल में शिफ्ट किया गया. 26 मई को इस सेंटर में कुल 7 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
27 मई 12 बजे के बाद इन मरीजों को शिफ्ट करने के कुछ देर बाद ही 43 लोगों को रिपोर्ट नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया, जिनकी साढे 10 बजे के करीब रिपोर्ट पोजिटिव आई और उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करने में प्रशासन ने 3 घंटे का वक्त भी नहीं लगाया.
लोगों को 3 घंटे के भीतर ही घरों से उठाकर केयर सेंटर में पहुंचा दिया गया. क्वारंटाइन सेंटर से मरीजों को शिफ्ट करने में देरी की गई. अब सवाल यह उठ रहा है कि यहां पर यदि पॉजिटिव मरीजों को शिफ्ट करने में इतनी देरी बरती गई तो संक्रमण के फैलने कारण इस देरी को क्यों न माना जाए.
यहां पर तीन हॉल में 14-14 मरीजों को रखा गया था और सिर्फ दो शौचालय की व्यवस्था है. जब पॉजिटिव मरीजों ने प्रशासनिक अधिकारियों से उनको अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग उठाई तो दोपहर बाद तो उन्हें शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन उसके बाद 3 बजे 43 लोगों को रिपोर्ट नेगेटिव बता कर घर भेज दिया गया जो कि अब हमीरपुर जिला के लिए बड़ी चूक साबित हुआ है.
प्रदेश में हमीरपुर जिला कोरोना संक्रमण मामलों की सूची में लंबे समय से सबसे ऊपर है. एक्टिव केस में आगे होने के साथ ही जिला में अव्यवस्था भी चरम पर है. लापरवाही की परतें अब धीरे-धीरे खुलना शुरू हो गई है. यहां पर पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति ने यह खुलासा किया है जिस पर अब जिला प्रशासन पर्दा डाल रहा है.
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डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नियमानुसार मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि समय अनुसार सैंपल किए जा रहे हैं और रिपोर्ट भी आ रही है.
दूसरी ओर लापरवाही का सिलसिला यहीं पर नहीं थमता है. आइसोलेशन सेंटर एनआईटी में डूंगरी से शिफ्ट किए इन मरीजों के लिए ना तो गर्म पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही कोई काढ़ा दिया जा रहा है. हालात ऐसे हैं कि सेंटर के अंदर गंदगी पसरी है.
बता दें कि प्राइमरी आइसोलेशन सेंटर भी जिला में बनाए गए हैं. जहां पर पॉजिटिव मरीजों को रखा जा रहा है. ऐसा ही एक सेंटर एनआईटी हमीरपुर का हॉस्टल बनाया गया है. जहां पर सफाई व्यवस्था दुरुस्त ना होने के आरोप मरीजों ने लगाए हैं.
मरीजों ने ही एक वीडियो बनाकर साझा किया है जिसमें दिखाया गया है कि अंदर गंदगी पसरी हुई है और पानी को गर्म करने की व्यवस्था तक नहीं है. इसके अलावा भोजन वितरण की व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं, जबकि प्रशासनिक व्यवस्था खुद में ही उलझ कर रह गई है. वीरवार को उपायुक्त हमीरपुर मीडिया के सामने तो आए लेकिन इन सवालों के उजागर किए जाने पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए.
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