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पर्यावरण योजना के प्रावधानों को लागू करें विभाग, DC हमीरपुर ने दिए निर्देश

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Published : Jul 13, 2020, 6:03 PM IST

हमीरपुर में प्रदूषण पर रोकथाम और पर्यावरण के बचाव के लिए बनाई गई जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्य करें.

meeting organized in hamirpur
फोटो.

हमीरपुरः जिला हमीरपुर में प्रदूषण पर रोकथाम और पर्यावरण के बचाव के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशानुसार जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है. वहीं, सोमवार को जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया.

इस समिति में संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल किए गए हैं और समिति के माध्यम से जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई है. बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्य करें. लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण नगर निकाय क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है. नगर निकायों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कचरे के सही निष्पादन पर जोर दें.

डीसी हमीरपुर ने कहा कि विशेषकर, बायो-मेडिकल कचरे, ई-कचरे और अन्य हानिकारक कूड़े के निष्पादन में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. इस बारे में सरकारी और निजी अस्पतालों और पशु चिकित्सालयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए.

डीसी हमीरपुर ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के संबंध में भी रिपोर्ट तलब की. उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी सख्त कदम उठाएं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

डीसी हमीरपुर ने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन किया जा सकता है. इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों का सक्रिय भागीदारी की जानी चाहिए.

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हमीरपुरः जिला हमीरपुर में प्रदूषण पर रोकथाम और पर्यावरण के बचाव के लिए राष्ट्रीय हरित अभिकरण के निर्देशानुसार जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है. वहीं, सोमवार को जिला स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन किया गया.

इस समिति में संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल किए गए हैं और समिति के माध्यम से जिला पर्यावरण योजना तैयार की गई है. बैठक में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि सभी संबंधित विभाग इस योजना के तहत अपने-अपने क्षेत्रों में तेजी से कार्य करें. लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण नगर निकाय क्षेत्रों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है. नगर निकायों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कचरे के सही निष्पादन पर जोर दें.

डीसी हमीरपुर ने कहा कि विशेषकर, बायो-मेडिकल कचरे, ई-कचरे और अन्य हानिकारक कूड़े के निष्पादन में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. इस बारे में सरकारी और निजी अस्पतालों और पशु चिकित्सालयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए.

डीसी हमीरपुर ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के संबंध में भी रिपोर्ट तलब की. उन्होंने कहा कि जिला के नदी-नालों में प्रदूषण, अवैध डंपिंग और अवैध खनन को रोकने के लिए सभी संबंधित अधिकारी सख्त कदम उठाएं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.

डीसी हमीरपुर ने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस एवं तरल कचरे का सही निष्पादन किया जा सकता है. इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों का सक्रिय भागीदारी की जानी चाहिए.

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