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कोविड-19: जिला परिषद सदस्य लेखराज ने पेश की मिसाल, बचे हुए कार्यकाल में नहीं लेंगे वेतन

हमीरपुर में पूर्व सैनिक और जिला परिषद सदस्य लेखराज ने अपने बचे हुए कार्यकाल में वेतन न लेने का निर्णय लिया है. पूर्व सैनिक लेखराज ने ETV भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी के बचाव के लिए उन्होंने वेतन न लेने का निर्णय लिया है और अगर आवश्यकता पड़ी तो वो पेंशन से भी अपना योगदान देंगे.

district council member lekhraj
जिला परिषद सदस्य लेखराज
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Published : Jun 25, 2020, 4:09 PM IST

हमीरपुर: पूर्व सैनिक जिला परिषद सदस्य लेखराज ने कोरोना संकट की वजह से अपना वेतन ना लेने का निर्णय लेकर मिसाल कायम की है. जिससे वो प्रदेश के पहले जिला परिषद सदस्य बन गए हैं जो कोरोना काल के चलते बचे हुए कार्यकाल में वेतन नहीं लेंगे.

जिला परिषद सदस्य लेखराज जिला के नादान विधानसभा क्षेत्र के धनेटा वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं और भारतीय सैनिक भी रह चुके हैं. सेना में सेवाएं देने के बाद वो साल 1998 में रिटायर हुए थे.

वीडियो.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में लेखराज ने बताया कि कोरोना के इस संकट काल में गरीब से गरीब आदमी अपना योगदान हर तरीके से दे रहा है, इसलिए उन्होंने भी अपना योगदान देने के लिए वेतन न लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि बचे हुए कार्यकाल में वो सिर्फ एक वेतन लेंगे, जबकि बाकी सैलरी को महामारी के बचाव के लिए सरकार को सौंप देंगे.

बता दें कि विधायक नादौन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कोरोना संकट काल में वेतन ना लेने का निर्णय लिया है. ऐसे में इस विधानसभा क्षेत्र से किसी जनप्रतिनिधि द्वारा लिया गया ये दूसरा निर्णय है.

ये भी पढ़ें: चीन से बढ़ते तनाव के बीच BRO के हवाले की गई समदो-ग्रांफू सड़क, जल्द शुरू होगा काम

हमीरपुर: पूर्व सैनिक जिला परिषद सदस्य लेखराज ने कोरोना संकट की वजह से अपना वेतन ना लेने का निर्णय लेकर मिसाल कायम की है. जिससे वो प्रदेश के पहले जिला परिषद सदस्य बन गए हैं जो कोरोना काल के चलते बचे हुए कार्यकाल में वेतन नहीं लेंगे.

जिला परिषद सदस्य लेखराज जिला के नादान विधानसभा क्षेत्र के धनेटा वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं और भारतीय सैनिक भी रह चुके हैं. सेना में सेवाएं देने के बाद वो साल 1998 में रिटायर हुए थे.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत में लेखराज ने बताया कि कोरोना के इस संकट काल में गरीब से गरीब आदमी अपना योगदान हर तरीके से दे रहा है, इसलिए उन्होंने भी अपना योगदान देने के लिए वेतन न लेने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि बचे हुए कार्यकाल में वो सिर्फ एक वेतन लेंगे, जबकि बाकी सैलरी को महामारी के बचाव के लिए सरकार को सौंप देंगे.

बता दें कि विधायक नादौन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी कोरोना संकट काल में वेतन ना लेने का निर्णय लिया है. ऐसे में इस विधानसभा क्षेत्र से किसी जनप्रतिनिधि द्वारा लिया गया ये दूसरा निर्णय है.

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