ETV Bharat / city

सियासी पिच पर फ्रंट फुट पर खेल रही भाजपा, 'पैराशूटियों' के विरोध के कारण असमंजस में कांग्रेस - हमीरपुर

पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और हरोली से विधायक मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर पहले टिकट को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन दोनों ही नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं और दोनों एक दूसरे को अपने-अपने जिलों में उलझाने का प्रयास कर रहे हैं.

लोकसभा उम्मीदवार को लेकर असमंजस में कांग्रेस
author img

By

Published : Mar 27, 2019, 1:27 PM IST

हमीरपुर: लोकसभा चुनाव की सियासी पिच पर हिमाचल में जहां भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में टिकट तय कर फ्रंट फुट पर आकर पारी शुरू कर दी है. भाजपा कैंडिडेट का विधानसभा वार प्रचार भी शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर जारी खींचतान से प्रचार पिछड़ गया है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ता पैराशूटी नेताओं के विरोध में उतर आए हैं. बताया जा रहा है कि पहले तो भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का सोमवार दोपहर तक कांग्रेस पार्टी से टिकट लगभग फाइनल था लेकिन इसके बाद इस संसदीय क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं कि एक दूसरे को घेरने का अंतर्द्वंद शुरू हो गया. इसी अंतर्द्वंद से टिकट आवंटन को लेकर कांग्रेस अभी तक बैकफुट पर हैं, प्रचार और लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की घेराबंदी तो दूर टिकट आवंटन ही अटक गया है.

बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और हरोली से विधायक मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर पहले टिकट को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन दोनों ही नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं और दोनों एक दूसरे को अपने-अपने जिलों में उलझाने का प्रयास कर रहे हैं.

सुखविंदर सिंह सुक्खू मुकेश अग्निहोत्री के गृह जिले ऊना से सतपाल रायजादा का नाम आगे कर रहे हैं वहीं मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर से राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा के नाम को आगे कर चुके हैं. बहर हाल टिकट को लेकर कांग्रेस में जारी घमासान से सियासी पिच पर वर्तमान समय में भाजपा फ्रंट फुट पर आ गई है.

टिकट आवंटन को लेकर ही खींचतान में जुटे कांग्रेसी नेता क्या लोकसभा चुनाव में भाजपा को घेर सकेंगे या नहीं. इस सीट से 3 बार सांसद रह चुके अनुराग ठाकुर के मुकाबले कांग्रेस हाईकमान किस प्रत्याशी को चुनावी रणभूमि में उतारती है यह देखना खास होगा. इससे पहले के तीन लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने दो बार भाजपा पृष्ठभूमि और एक बार पार्टी के नेता को चुनाव में उतार चुकी है. यह भी रोचक होगा कि टिकट आवंटन को लेकर असमंजस में फंसी कांग्रेस अपने किसी दिग्गज नेता पर विश्वास दिखाती है या फिर से किसी भाजपाई पृष्ठभूमि के नेता को अपना उम्मीदवार घोषित करेगी.

हमीरपुर: लोकसभा चुनाव की सियासी पिच पर हिमाचल में जहां भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में टिकट तय कर फ्रंट फुट पर आकर पारी शुरू कर दी है. भाजपा कैंडिडेट का विधानसभा वार प्रचार भी शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर जारी खींचतान से प्रचार पिछड़ गया है.

हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ता पैराशूटी नेताओं के विरोध में उतर आए हैं. बताया जा रहा है कि पहले तो भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का सोमवार दोपहर तक कांग्रेस पार्टी से टिकट लगभग फाइनल था लेकिन इसके बाद इस संसदीय क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं कि एक दूसरे को घेरने का अंतर्द्वंद शुरू हो गया. इसी अंतर्द्वंद से टिकट आवंटन को लेकर कांग्रेस अभी तक बैकफुट पर हैं, प्रचार और लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की घेराबंदी तो दूर टिकट आवंटन ही अटक गया है.

बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और हरोली से विधायक मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर पहले टिकट को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन दोनों ही नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं और दोनों एक दूसरे को अपने-अपने जिलों में उलझाने का प्रयास कर रहे हैं.

सुखविंदर सिंह सुक्खू मुकेश अग्निहोत्री के गृह जिले ऊना से सतपाल रायजादा का नाम आगे कर रहे हैं वहीं मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर से राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा के नाम को आगे कर चुके हैं. बहर हाल टिकट को लेकर कांग्रेस में जारी घमासान से सियासी पिच पर वर्तमान समय में भाजपा फ्रंट फुट पर आ गई है.

टिकट आवंटन को लेकर ही खींचतान में जुटे कांग्रेसी नेता क्या लोकसभा चुनाव में भाजपा को घेर सकेंगे या नहीं. इस सीट से 3 बार सांसद रह चुके अनुराग ठाकुर के मुकाबले कांग्रेस हाईकमान किस प्रत्याशी को चुनावी रणभूमि में उतारती है यह देखना खास होगा. इससे पहले के तीन लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने दो बार भाजपा पृष्ठभूमि और एक बार पार्टी के नेता को चुनाव में उतार चुकी है. यह भी रोचक होगा कि टिकट आवंटन को लेकर असमंजस में फंसी कांग्रेस अपने किसी दिग्गज नेता पर विश्वास दिखाती है या फिर से किसी भाजपाई पृष्ठभूमि के नेता को अपना उम्मीदवार घोषित करेगी.

Intro:
सियासी पिच पर भाजपा खेल रही फ्रंट फुट पर, कांग्रेस परशूटिओं के विरोध में अटक कर अभी तक बैकफुट पर
हमीरपुर।
लोकसभा चुनाव की सियासी पिच पर हिमाचल में जहां भाजपा ने चारों संसदीय क्षेत्र में टिकट तय कर फ्रंट फुट पर आकर पारी शुरू कर दी है भाजपा प्रत्याशी मैन टू मैन वर्किंग शुरू कर चुके है और विधानसभा 22 प्रचार भी शुरू हो गया है। वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर जा रही खींचतान से प्रचार पिछड़ गया है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में तो कांग्रेस के हालात ऐसे हैं कि पैराशूटी नेताओं के विरोध में पुतला जलना भी शुरू हो गए हैं। भाजपा के कार्यकर्ता केंद्र सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं तो कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी तक विरोध में ही अटके हैं।


Body:हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में तो हालात ऐसे हैं कि पार्टी के दिग्गज नेता एक दूसरे को चुनाव लड़ने की नसीहत देख कर एक दूसरे की काट कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पहले तो भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश चंदेल का सोमवार दोपहर तक टिकट लगभग फाइनल था। लेकिन इसके बाद इस संसदीय क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं कि एक दूसरे को घेरने का अंतर्द्वंद शुरू हो गया। इसी अंतर्द्वंद से टिकट आवंटन को लेकर कांग्रेस अभी तक बैकफुट पर है, प्रचार और लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा प्रत्याशियों की घेराबंदी तो दूर टिकट आवंटन ही अटक गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और आरोली से विधायक मुकेश अग्निहोत्री के नाम पर पहले टिकट को लेकर चर्चा चल रही थी। लेकिन दोनों ही नेता चुनाव लड़ने से पीछे हट गए हैं और दोनों एक दूसरे को अपने-अपने जिलों में उलझाने के प्रयास कर रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू मुकेश अग्निहोत्री के गृह जिले उना से सतपाल रायजादा का नाम आगे कर रहे हैं वहीं मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर से राजेंद्र राणा के बेटे अभिषेक राणा के नाम को आगे कर चुके हैं। बहर हाल टिकट को लेकर कांग्रेस में जा रही घमासान से सियासी पिच पर वर्तमान समय में भाजपा फ्रंट फुट पर आ गई है।


Conclusion:अब देखने वाली बात यह होगी कि टिकट आवंटन को लेकर ही खींचतान में जुटे कांग्रेसी नेता क्या लोकसभा चुनावों में भाजपा को घेर सकेंगे अथवा नहीं। हमीरपुर संसदीय सीट में जहां बरस 1998 से भाजपा का परचम लहरा रहा है यहां पर भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर को हराना कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस अनुराग के सामने पहले तीन प्रयोग कर चुकी है। दो बार भाजपा पृष्ठभूमि के नेताओं को तो एक बार कांग्रेसी पृष्ठभूमि के नेता को कांग्रेस हाईकमान अनुराग ठाकुर के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार चुकी है। लेकिन हर दफा यह प्रयोग असफल ही हुए हैं। अब यह भी रोचक होगा कि कांग्रेस अपने किसी दिग्गज नेता पर विश्वास दिखाती है अथवा फिर से किसी भाजपाई पृष्ठभूमि के नेता को टिकट मिलता है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.