हमीरपुर: भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने बुधवार को उपायुक्त हमीरपुर देवश्वेता बनिक (Deputy Commissioner Hamirpur Dev shweta Banik) के माध्यम से केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार को केंद्रीय कृषि कानूनों में संशोधन करने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है. संघ के जिलाध्यक्ष अमीं चंद ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जो कृषि कानून पारित हुआ है, उनमें संशोधित करने की जरूरत है, ताकि किसानों के साथ किसी तरह का धोखा ना हो सके.
जिला अध्यक्ष अमीं चंद ने कहा कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आगामी दिनों में किसान संघ के राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेशों पर कार्य किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लंबे समय से मांगों को उठाया जा रहा है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार इन मांगों को पूरा करेगी.
उन्होंने कहा कि किसान चाहते हैं कि केंद्रीय सरकार इसमें तीन-चार परिवर्तन लाए. वे केंद्रीय कानूनों से सहमत हैं, लेकिन ये परिवर्तन भी बहुत जरूरी है. इनमें समर्थन मूल्य की जगह पर हमें लागत के आधार पर लाभांश देकर मूल्य निर्धारित किया जाए. जो भी व्यापारी या कंपनी किसानों से सामान खरीदे उसकी रजिस्ट्रेशन होनी चाहिए और बैंक गारंटी होनी चाहिए, ताकि किसानों के साथ किसी तरह का धोखा न हो.
इसके अलावा उन्होंने प्रदेश सरकार से भी मांग की है कि सड़कों पर बेसहारा घूम रहे पशुओं की उचित व्यवस्था की जाए, क्योंकि बेसहारा पशुओं व जंगली जानवरों के चलते किसानों ने कृषि योग्य भूमि खाली छोड़ दी है. इसके अलावा बंदरों की समस्या से भी किसान खासे परेशान हैं. प्रदेश की नदियों में अंधाधुंध अवैध खनन (illegal mining in rivers) किया जा रहा है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
अमीं चंद ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को जो नुकसान होता है, उसका पैसा किसानों के खाते में सीधा आए और नुकसान सर्वेक्षण का तरीका भी बदला जाए, जोकि वर्षों से चला आ रहा है, जिससे किसानों को नुकसान का सही मुआवजा नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि इन मांगों को ज्ञापन के जरिए उठाया गया है, ताकि किसानों की स्थिति को सुधारा जा सके.
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