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बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट में धांधली करने पर कर्मचारी पर हुई कार्रवाई, जिला प्रशासन ने वसूली दान राशि

बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट कार्यालय मैहरे में दान की राशि अपने खाते में डालने वाले कर्मचारी को लेकर जांच शुरू कर दी गई है. प्राथमिक जांच में पाया गया कि कर्मचारी ने दान किए गए पैसों को अपने निजी खाते में जमा करवाया है. जिला प्रशासन ने कर्मचारी से 25 हजार रुपये वसूल लिए हैं.

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Published : Aug 8, 2020, 6:02 PM IST

बाबा बालक नाथ मंदिर
बाबा बालक नाथ मंदिर

बड़सर/हमीरपुर: बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट कार्यालय मैहरे में दान की राशि अपने खाते में डालने वाले कर्मचारी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. प्राथमिक जांच में पाया गया कि कर्मचारी ने दान के पैसों को अपने निजी खाते में जमा करवाया था. जिला प्रशासन ने उससे 25 हजार रुपये वसूल लिए हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि उसने दान के लिए श्रद्धालु को अपना निजी खाता क्यों दिया.

बता दें कि लुधियाना के श्रद्धालु द्वारा दान देने के पांच महीने बाद भी रसीद न मिलने पर ये मामला सामने आया है, जिसके चलते श्रद्धालु ने सरकार से मंदिर प्रशासन के खिलाफ जांच करने की मांग की है.

विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने बताया कि कोरोना काल में भी कर्मचारी इस तरह की धांधलियों में लगे हुए हैं, जो कि शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए, ताकि श्रद्धालु धोखाधड़ी से बच सकें.

एसडीएम बड़सर प्रदीप ने बताया कि कर्मचारी को स्थानांतरित करके चकमोह कॉलेज भेज दिया गया है और दान की राशि उससे वसूल कर ली गई है. उन्होंने कहा कि अगर श्रद्धालु व स्थानीय लोगों द्वारा इस संबंध में शिकायत की जाती है, तो मामले की जांच नए सिरे से की जाएगी.

ये भी पढ़ें: BJP प्रवक्ता बलदेव तोमर निकले कोरोना पॉजिटिव, परिवार की रिपोर्ट भी पाई गई पॉजिटिव

बड़सर/हमीरपुर: बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट कार्यालय मैहरे में दान की राशि अपने खाते में डालने वाले कर्मचारी के खिलाफ जांच शुरू हो गई है. प्राथमिक जांच में पाया गया कि कर्मचारी ने दान के पैसों को अपने निजी खाते में जमा करवाया था. जिला प्रशासन ने उससे 25 हजार रुपये वसूल लिए हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि उसने दान के लिए श्रद्धालु को अपना निजी खाता क्यों दिया.

बता दें कि लुधियाना के श्रद्धालु द्वारा दान देने के पांच महीने बाद भी रसीद न मिलने पर ये मामला सामने आया है, जिसके चलते श्रद्धालु ने सरकार से मंदिर प्रशासन के खिलाफ जांच करने की मांग की है.

विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने बताया कि कोरोना काल में भी कर्मचारी इस तरह की धांधलियों में लगे हुए हैं, जो कि शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए, ताकि श्रद्धालु धोखाधड़ी से बच सकें.

एसडीएम बड़सर प्रदीप ने बताया कि कर्मचारी को स्थानांतरित करके चकमोह कॉलेज भेज दिया गया है और दान की राशि उससे वसूल कर ली गई है. उन्होंने कहा कि अगर श्रद्धालु व स्थानीय लोगों द्वारा इस संबंध में शिकायत की जाती है, तो मामले की जांच नए सिरे से की जाएगी.

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