हमीरपुर: जिला हमीरपुर हर बार की तरह इस बार भी स्क्रब टायफस ने अपने पांव पसार लिए हैं. अस्पताल में बीते एक सप्ताह में स्क्रब टायफस के सात मरीज सामने आए हैं. इनमें से पांच मरीजों का इलाज मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में चल रहा है. रोजाना एक-दो लोग पीलिया से ग्रसित भी पाए जा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है.
मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. बाबेश बरवाल ने कहा कि लोगों को इस मौसम में घास या झाड़ियों के नजदीक नहीं जाना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में घास या झाड़ियों में जाने के समय लोगों को पूरे शरीर को कपड़ों से ढंकना चाहिए. इससे पिस्सु के काटने से बचाव होगा.
वहीं, डॉ. बाबेश बरवाल ने पीलिया से बचाव को लेकर लोगों को संतुलित आहार और पानी उबाल कर पीने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि पीलिया के प्रकार भी अनेक हैं जिसके लिए खान-पान में सुधार और संतुलित भोजन से ही बचाव हो सकता है.
मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल सोनी का कहना है कि बरसात में मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. ओपीडी में आज कल जलजनित और कीटजनित रोगों के मरीज अधिक आते है. पूर्व में जहां ओपीडी में 1200 के करीब मरीज आते थे. वहीं, बरसात में मरीजों की संख्या बढ़कर 1500 हो गई है.
स्क्रब टायफस के कारण
स्क्रब टायफस पिस्सू के काटने से होता है. यह पिस्सू घास व झाड़ियों और चूहे के रहने वाले स्थानों में पाया जाता है. इसके कारण घास व झाड़ियों में घूमना, जंगलों में कैंपिंग करना, घास व जंगलों में पूरे तन को न ढकने से इसकी चपेट में आ सकते हैं.
स्क्रब टायफस के लक्षण
बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में जकड़न, पिस्सू के काटने के स्थान पर त्वचा काली होने के बाद घाव बन जाता है.
स्क्रब टायफस से कैसे करें बचाव
खुद को घास व झाड़ियों से दूर रखना, स्वच्छता, घास या धरती पर लेटने से बचना, चूहे न पनपने देना, कीट भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल, नंगे पैर न चलें और लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं.
ये भी पढ़ें- शांता कुमार ने कंगना रनौत के साहस को सराहा, बोलेः मूवी जगत के कलाकार से ऐसी आशा भी नहीं होती