पालमपुरः कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में मंगलवार को रबी फसलों पर राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का उद्घाट्न करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रगतिशील किसानों विशेषकर ऐसे किसान जो विश्वविद्यालय की तकनीकों को अपनाकर दूसरे किसानों तक प्रसारित करते हैं, वे सम्मानित किए जाएंगे.
पर्वतीय कृषकों की प्रशंसा करते हुए प्रो. एचके चौधरी ने कहा कि भविष्य में ऐसी कार्यशालाओं और किसानों से सम्बन्धित कार्यक्रमों में अधिक से अधिक किसानों को सम्मिलित करके आमन्त्रित किया जाएगा. विश्वविद्यालय किसानों से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन उनके खेतों में करेगा.
कुलपति ने किसानों से कहा कि वे विश्वविद्यालय द्वारा विकसित व स्वीकृत किस्मों की ही बिजाई करें ताकि बाद में किसी प्रकार का नुकसान सहन न करना पड़े. प्रो. चौधरी ने कहा कि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों के सामूहिक प्रयत्नों से ही नवीन तकनीकों का लाभ किसानों तक पहुंच सकता है.
उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् ने जनजातिय क्षेत्रों के लिए 94 लाख की एक परियोजना स्वीकृत की है जिसके अन्तर्गत लाहौल-स्पीति के किसानों को 3000 व्हील-हो हल दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् को प्रदेश में चार अतिरिक्त कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के निदेशक डॉ. एनके बधान ने रबी फसलों के लिए बीज, खाद इत्यादि कृषि आदानों के प्रबन्धों पर विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर उन्होंने कृषि उत्पादन बढ़ाने हेतु प्रदेश सरकार की 650 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी और किसानों से कहा कि वे इन योजनाओं का लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि लगभग चार लाख किसान सब्जियों की खेती कर रहे हैं.
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