कांगड़ा: पूर्व मंत्री विजय सिंह मनकोटिया ने कहा कि कांग्रेस, सरकार बनाने की दावेदारी में पीछे हो चुकी है जबकि आप भाजपा को चुनौती दे रही है. वहीं, भाजपा के लिये अब यह प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है. पंजाब के चुनावों का असर हिमाचल प्रदेश में साफ देखा जा रहा है. पंजाब में किसानों का आंदोलन सफल रहा और इसका लाभ आम आदमी पार्टी को मिला. उन्होंने कहा कि हिमाचल में ऐसी परिस्तिथियां नहीं है. आम आदमी पार्टी इस कोशिश में है कि हिमाचल में AAP का जनाधार कैसे बने. मनकोटिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी उन पर प्रेशर बना रही है कि वह पार्टी ज्वाइन करे.
पूर्व मंत्री विजय सिंह मनकोटिया ने कहा कि (Vijay Singh Mankotia Reaction on AAP) कुछ मंत्री भी उनके साथ है लेकिन आने वाले चुनावों में पहले टिकट पक्की हो तभी बात होगी. उन्होंने इस बात पर अपनी संतुष्टि जताते हुए कहा कि तीसरा विकल्प प्रदेश में होना चाहिए, लेकिन उन्हें अरविंद केजरीवाल से मिलने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक मेरी अरविंद केजरीवाल से बात नहीं होती तब तक वह आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करने के बारे में नहीं सोचेंगे.
उन्होंने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल से आमने सामने बैठ कर बात करना चाहते हैं. वह जानना चाहते हैं (Vijay Singh Mankotia Reaction on AAP) कि आम आदमी पार्टी का हिमाचल में चुनाव लड़ने के लिए क्या रोड मैप है. आम आदमी पार्टी अगर दिल्ली मॉडल की तर्ज पर हिमाचल में काम करना चाहती है तो ये संभव नहीं है क्योंकि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है. यह राज्य दिल्ली से हर क्षेत्र में अलग है ऐसे में वह जानना चाहते हैं कि केजरीवाल किस मॉडल पर हिमाचल में चुनाव लड़ना चाह रहे हैं. उसी आधार पर आगामी फैसला होगा.
इसके अलावा मनकोटिया ने कहा कि खालिस्तानियों द्वारा हिमाचल में 29 अप्रैल को झंडा फहराने की बात की जा रही है लेकिन इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी चुप क्यों है. ये खालिस्तानी पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी को फंडिंग देने की बात कर रहे थे, इन सब बातों पर केजरीवाल से वह बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बैठा एक आदमी पंजाब को चला रहा है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में धर्म के नाम पर दंगे नहीं होते, दिल्ली में आज दंगे हो रहे हैं. कहीं आम आदमी पार्टी हिमाचल में भी दंगे न करवाए. मनकोटिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल उनके साथ मिले और इन सभी शंकाओं को दूर करे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई तीसरा विकल्प आए पर वह साफ सुथरा होना चाहिए.
ये भी पढे़ं: क्या हमीरपुर में पूर्व सांसद सुरेश चंदेल बनेंगे AAP का चेहरा? भाजपा-कांग्रेस दोनों की बढ़ सकती है टेंशन