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डमटाल अनाज मंडी में ट्रक चालकों से साथ की जा रहा मनमानी, नहीं मिल रही कोई सुविधा - डमटाल अनाज मंडी मनमानी

डमटाल अनाज मंडी में बाहरी क्षेत्रों से समान लेकर आने वाले ट्रक चालकों का कहना है कि मंडी के मालिकों द्वारा मनमानी की जा रही है. उन्हें मंडी में कई दिनों तक सामान उतरवाने के लिए रुकना पड़ रहा है और ऐसे में उनके रहने और खाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है.

Truck drivers in Dumtal Grain Market
Truck drivers in Dumtal Grain Market
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Published : Apr 24, 2020, 8:29 AM IST

कांगड़ा/इंदौराः डमटाल अनाज मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी होलसेल आनाज मंडी है. इस मंडी से रोजाना हिमाचल के साथ-साथ पंजाब में आनाज सप्लाई किया जाता है. मंडी का अपना एक व्यापार मंडल और लेबर यूनियन भी है. लॉकडाउन के चलते जो भी बड़ी गाड़ियां बाहर से इस मंडी इस बड़े आढ़तियों का सामान लेकर आ रहीं हैं, उन्हें सप्ताह भर मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.

ट्रक चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले इस मंडी में समान लेकर आते थे तो व्यापारी गाड़ियों से सामान को उतारकर अपने गोदामो में रखते थे और हमें उसी दिन फ्री करके भेज देते थे. इसके बाद स्टोरों में रखे सामान को दूर-दूर से आ रहे दुकानदारों को बेचते थे.

लेकिन अब तो ट्रकों को दुकानों के बाहर ही समान सहित करीब हफ्ते तक खड़े रख रहे हैं. सामान को स्टोरों में न रख कर, ग्राहक आने और सीधा ट्रकों से माल उतारकर बेच रहे हैं, जिसके चलते वे ट्रकों में भूखे रहने के साथ-साथ रोजाना ट्रक खड़े रहने से हजारों रुपये का आर्थिक घाटा झेल रहे हैं.

युवा भारत क्लब डमटाल ने मंडी मालिकों द्वारा ट्रक चालकों से किए जा रहे व्यावहार की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आए ट्रक चालकों से यह व्यवहार बर्दाशत नहीं किया जाएगा. उन्होंने प्रशासन से ट्रक चालकों के लिए खाने का इंतजाम करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर: पर्यटन नगरी मनाली की हवा देश में सबसे ज्यादा शुद्ध

कांगड़ा/इंदौराः डमटाल अनाज मंडी प्रदेश की सबसे बड़ी होलसेल आनाज मंडी है. इस मंडी से रोजाना हिमाचल के साथ-साथ पंजाब में आनाज सप्लाई किया जाता है. मंडी का अपना एक व्यापार मंडल और लेबर यूनियन भी है. लॉकडाउन के चलते जो भी बड़ी गाड़ियां बाहर से इस मंडी इस बड़े आढ़तियों का सामान लेकर आ रहीं हैं, उन्हें सप्ताह भर मंडी में ही रुकना पड़ रहा है.

ट्रक चालकों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले इस मंडी में समान लेकर आते थे तो व्यापारी गाड़ियों से सामान को उतारकर अपने गोदामो में रखते थे और हमें उसी दिन फ्री करके भेज देते थे. इसके बाद स्टोरों में रखे सामान को दूर-दूर से आ रहे दुकानदारों को बेचते थे.

लेकिन अब तो ट्रकों को दुकानों के बाहर ही समान सहित करीब हफ्ते तक खड़े रख रहे हैं. सामान को स्टोरों में न रख कर, ग्राहक आने और सीधा ट्रकों से माल उतारकर बेच रहे हैं, जिसके चलते वे ट्रकों में भूखे रहने के साथ-साथ रोजाना ट्रक खड़े रहने से हजारों रुपये का आर्थिक घाटा झेल रहे हैं.

युवा भारत क्लब डमटाल ने मंडी मालिकों द्वारा ट्रक चालकों से किए जा रहे व्यावहार की कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आए ट्रक चालकों से यह व्यवहार बर्दाशत नहीं किया जाएगा. उन्होंने प्रशासन से ट्रक चालकों के लिए खाने का इंतजाम करने की मांग की है.

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