धर्मशाला/कांगड़ा: पौंग झील बाथू की लड़ी भीम शिला के पास के पानी के बीच तैरता हुआ पत्थर मिलने से लोगों में काफी चर्चा है. मिली जानकारी के अनुसार अविनाश कुमार गांव करडियाल पौंग झील के पानी को देखने गया था तो उसे पानी (stone floating on water in kangra) के बीच तैरता हुआ पत्थर मिला. अविनाश कुमार ने तैरते हुए पत्थर को उठाया और घर ले आया आमतौर पर सभी यह जानते हैं कि पत्थर पानी में डूब जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे पत्थर हकीकत में आज भी मौजूद हैं जो पानी में डूबते नहीं बल्कि पानी की सतह पर तैरते रहते हैं और डूबते नहीं.
अविनाश कुमार ने बताया कि वह सुबह के (Floating stone in Kangra) समय पौंग झील के किनारे बाथू की लड़ी के समीप गए हुए थे और वहां पर उन्होंने पानी में तैरता हुआ पत्थर देखा. उन्होंने बताया कि यह पत्थर तो पहले काफी गहरे पानी में तैर रहा था, लेकिन लहरों के कारण यह पत्थर किनारे की ओर आने लगा जिसे देखते हुए उन्होंने उस पत्थर को उठा लिया और अपने घर ले आए. उन्होंने कहा कि इस पत्थर को देखने के लिए दूर-दूर से लोगों का उनके घर पर आना शुरू हो गए हैं.
मान्यता है कि रामायण में राम सेतु बनाए जाने के दौरान राम का नाम लिखे (Floating stone in Bathu ki Ladi) पत्थरों को पानी में तैरते देखा गया था. इसे लोग प्रभु श्रीराम के नाम की महिमा और भगवान के चमत्कार से जोड़कर देखते हैं. क्योंकि आमतौर पर सभी यह जानते हैं कि पत्थर पानी में डूब जाता है, लेकिन कुछ ऐसे पत्थर हकीकत में आज भी मौजूद हैं जो पानी में डूबते नहीं और बल्कि उसकी सतह पर तैरते रहते हैं.
वहीं, साइंस के अनुसार, ज्वालामुखी के लावा से फुटकर निकलने वाले पत्थर पानी में तैरते हैं. जिन्हें 'प्यूमाइस स्टोन' कहा जाता है. इसी पत्थर को पानी में तैरने वाला पत्थर कहते हैं.
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