ज्वाली/कांगड़ा: स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर के आह्वान पर बिजली मंडल ज्वाली में बिजली संशोधन बिल 2020 के विरोध में प्रदर्शन किया. यूनियन ने केंद्र सरकार से तुरंत संशोधित बिल को वापस लेने की मांग की है.
प्रदेश यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन मोहल ने कहा कि बिजली संशोधन बिल न तो जनता के हित में और न ही विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के हित में है. इस बिल के आने से जहां उपभोक्ताओं को महंगी दरों पर बिजली मिलेगी. वहीं, बिजली कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है जिससे बिजली कर्मचारी काम का बोझ बढ़ रहा है. आए दिन कर्मचारी दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. यूनियन ने मांग करते हुए कहा कि कर्मचारियों की जल्द से जल्द भर्ती का जाए और कर्मचारियों को काम करने के लिए उचित उपकरण दी जाए.
यूनियन उपाध्यक्ष ने कहा कि बिजली संशोधन बिल-2020 के आ जाने से बिजली वितरण में काम कर रही कंपनियों को दो या इससे ज्यादा कंपनियों में बांटना अनिवार्य होगा और बिजली के मुनाफे वाले क्षेत्रों को निजी हाथों में देने का रास्ता साफ हो जाएगा.
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्प्लाइज यूनियन ने ये ऐलान भी किया कि अगर इस संशोधित बिल को तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.
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