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स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं की प्रेक्टिकल परीक्षा में किया बदलाव, नया शेड्यूल जारी - हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड

जमा दो के नियमित परीक्षार्थियों की प्रेक्टिकल परीक्षा का शेड्यूल फिर बदल गया है. अब प्रेक्टिकल परीक्षा 19 फरवरी से नहीं बल्कि 20 फरवरी से शुरू होंगी.

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Published : Feb 14, 2019, 9:42 PM IST

कांगड़ाः जमा दो के नियमित परीक्षार्थियों की प्रेक्टिकल परीक्षा का शेड्यूल फिर बदल गया है. अब प्रेक्टिकल परीक्षा 19 फरवरी से नहीं बल्कि 20 फरवरी से शुरू होंगी. 19 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के उपलक्ष्य पर राजपत्रित अवकाश होने के चलते प्रेक्टिकल परीक्षा तिथियों में बदलाव किया गया है.

शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. हरीश गज्जू ने बताया कि जमा दो कक्षा के नियमित परीक्षार्थियों की पूरे प्रदेश (जिला किन्नौर, भरमौर व पांगी उपमंडल के अतिरिक्त) प्रेक्टिकल परीक्षा 19 फरवरी की जगह अब 20 फरवरी को शुरू होंगी.

उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अब 23 फरवरी तक की परीक्षा तिथियों में संशोधन किया है. इसके बाद की परीक्षाओं की तारीख वही रहेगी. उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जयंती के उपलक्ष्य में 19 फरवरी को छुट्टी होने के चलते परीक्षार्थियों और अध्यापकों के अनुरोध पर यह बदलाव किया गया है.

कांगड़ाः जमा दो के नियमित परीक्षार्थियों की प्रेक्टिकल परीक्षा का शेड्यूल फिर बदल गया है. अब प्रेक्टिकल परीक्षा 19 फरवरी से नहीं बल्कि 20 फरवरी से शुरू होंगी. 19 फरवरी को गुरु रविदास जयंती के उपलक्ष्य पर राजपत्रित अवकाश होने के चलते प्रेक्टिकल परीक्षा तिथियों में बदलाव किया गया है.

शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. हरीश गज्जू ने बताया कि जमा दो कक्षा के नियमित परीक्षार्थियों की पूरे प्रदेश (जिला किन्नौर, भरमौर व पांगी उपमंडल के अतिरिक्त) प्रेक्टिकल परीक्षा 19 फरवरी की जगह अब 20 फरवरी को शुरू होंगी.

उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अब 23 फरवरी तक की परीक्षा तिथियों में संशोधन किया है. इसके बाद की परीक्षाओं की तारीख वही रहेगी. उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जयंती के उपलक्ष्य में 19 फरवरी को छुट्टी होने के चलते परीक्षार्थियों और अध्यापकों के अनुरोध पर यह बदलाव किया गया है.

शिमला में ही रहे आर्मी ट्रेनिंग कमांड, पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह करेगी हिमाचल सरकार 
शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐतिहासिक और सामरिक महत्व का संस्थान आर्मी ट्रेनिंग कमांड शिमला से शिफ्ट न हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसी विषय को रक्षा मंत्री और केंद्र सरकार के साथ भी उठाया जाएगा। लिखित व मौखिक रूप से भी केंद्र सरकार से आग्रह किया जाएगा कि इस संस्थान को शिमला में ही रहने दिया जाए। गुरूवार को हिमाचल विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस विषय पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला में आर्मी ट्रेनिंग कमांड का मुख्यालय है। ये ऐतिहासिक महत्व का संस्थान है। मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस मुख्यालय को अंबाला शिफ्ट किया जा रहा है। मुकेश ने कहा कि शिमला के लिए ये ऐतिहासिक महत्व का संस्थान बेहद महत्वपूर्ण है। इसके कारण शिमला की पहचान है। यदि संस्थान यहां से शिफ्ट होता है तो ये शिमला के वैभव की दृष्टि से नुकसानदायक होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसी सूचनाएं हैं कि छह माह में आरट्रेक मुख्यालय यहां से शिफ्ट हो जाएगा। राज्य सरकार को चाहिए कि आरट्रेक को शिफ्ट करने के इस प्रस्ताव पर केंद्र का ध्यान आकृष्ट किया जाए और आग्रह किया जाए कि आरट्रेक मुख्यालय यहीं रहे। मुकेश ने अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि शिमला में आरट्रेक 31 मार्च 1993 से चल रहा है। आजादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत के समय यहां 1864 से 1939 तक सेना का मुख्यालय था। बाद में 1956 में इसे सेना की पश्चिमी कमान का मुख्यालय बनाया गया। पश्चिमी कमान बाद में चंडी मंदिर चली गई और यहां आर्मी ट्रेनिंग का मुख्यालय बनाया गया। वर्ष 2015 में जब आरट्रेक की सिल्वर जुबली मनाई गई तो सेना के तीन जनरल शंकर रॉय चौधरी, जेजे सिंह व दीपक कपूर भी समारोह में शामिल हुए। सभी जनरलों ने आर्मी ट्रेनिंग कमांड मुख्यालय के शिमला को उपयुक्त पाया था। मुकेश ने कहा कि यहां करीब एक हजार लोगों को आउटसोर्स पर रोजगार मिला है। ऐसे में राज्य सरकार यह प्रयास करे कि किसी भी कीमत पर आरट्रेक मुख्यालय शिमला से शिफ्ट न हो।
इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी कि आरट्रेक शिफ्ट न हो। उन्होंने कहा कि हालांकि डिफेंस की अपनी रणनीति होती है और जरूरत के मुताबिक फैसले लिए जाते हैं, परंतु राज्य सरकार मौखिक व लिखित रूप में पीएम नरेंद्र मोदी से बात करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद निजी रूप से पीएम से आग्रह करेंगे कि इस संस्थान को शिमला में ही रहने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेशक हिमाचल छोटा राज्य है, लेकिन यहां के युवाओं ने सेना में जाकर देश की सेवा की जो भावना दिखाई है, उसकी कद्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जानते हैं। पीएम ने इसका जिक्र धर्मशाला में भी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनसे इसी मामले में सेना के सेवारत व रिटायर अफसर मिले हैं। सभी ने मुख्यालय शिफ्ट करने के संबंध में चिंता जताई है। सीएम ने कहा कि उनके पास आधिकारिक सूचना तो कोई नहीं आई है, लेकिन राज्य सरकार भरपूर प्रयास करेगी कि आरट्रेक मुख्यालय यहीं बना रहे। 

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