धर्मशाला: राजधानी शिमला की तर्ज पर ही अन्य शहरी निकायों में भी पेयजल व सीवरेज सिस्टम प्रोजेक्ट को आरंभ किया जाएगा. ये जानकारी शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने शहरी विकास विभाग द्वारा पेयजल व सीवरेज सिस्टम के सुदृढ़ीकरण के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में दी.
शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार शहरी निकायों में पेयजल व सीवरेज सिस्टम की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि वर्ल्ड बैंक ने 986 करोड़ का शिमला वाटर सप्लाई और सीवरेज प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की है. वहीं, प्रोजक्ट आरंभ करने के लिए पहली किश्त के तौर पर 292 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं.
शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने बताया कि शिमला जन प्रबंधन निगम लिमिटेड शहर के लिए पेयजल और सीवरेज सिस्टम की सुविधा प्रदान करने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार सभी शहरों व उनके साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों में पानी व सीवरेज की समुचित व्यवस्था करने में प्रयासरत है. इसके अलावा पॉलिसी सुधार पर भी विचार किया जा रहा है.
सरवीण चौधरी ने बताया कि शहरी निकायों में पेयजल और सीवरेज सिस्टम के संचालन की कार्य क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पेयजल और सीवरेज सिस्टम के लिए शिकायतों की मॉनिटरिंग के लिए प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कि बताया कि शहरों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए ये कार्यक्रम तैयार किया गया है, ताकि आने वाले वर्षों में नागरिकों को किसी भी तरह की पेयजल किल्लत का सामना न करना पड़े.
प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग प्रबोध सक्सेना ने कहा कि शहरी निकायों के अधिकारी व प्रतिनिधियों के आपसी सहयोग से ही इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस बारे में विस्तार से चर्चा करके 31 अगस्त से पहले प्रस्ताव पारित करके भेजे.