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कांगड़ा का दुर्ग फतेह करने को भाजपा ने जमाया डेरा, बैक टू बैक भाजपा के कई दिग्गज नेता कर रहे दौरा

राजनीतिक पंडितों का भी यह कहना है कि जो पार्टी जिला कांगड़ा में जीत जाती है. वह सत्ता पर काबिज हो जाती है. भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी 15 दिनों के भीतर ही जिला कांगड़ा का दो बार दौरा कर चुके हैं. कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने के कारण हर चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में घिरथ जाति का खासा प्रभाव रहा है और यह इस क्षेत्र की हकीकत है कि जिस प्रत्याशी ने इनको साध कर अपनी रणनीति बनाई है चुनाव जीतने में सफल रहा है.

Role of Kangra District in Assembly Elections
जेपी नड्डा (फाइल फोटो).
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Published : May 16, 2022, 6:43 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में कुल 15 विधानसभा सीटें हैं. इन्हीं विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने इन दिनों जिला कांगड़ा में डेरा जमाए हुआ है. वहीं, राजनीतिक पंडितों का भी यह कहना है कि जो पार्टी जिला कांगड़ा में जीत जाती है. वह सत्ता पर काबिज हो जाती है. भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी 15 दिनों के भीतर ही जिला कांगड़ा का दो बार दौरा कर चुके हैं. इससे पहले जहां नगरोटा बगवां में जगत प्रकाश नड्डा ने रोड शो व जनसभा को संबोधित किया था तो वहीं, अब भाजयुमो द्वारा आयोजित अभ्यास वर्ग में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पहुंचकर भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर जीत का मंत्र भी दिया.

कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने के कारण हर चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में घिरथ जाति का खासा प्रभाव रहा है और यह इस क्षेत्र की हकीकत है कि जिस प्रत्याशी ने इनको साध कर अपनी रणनीति बनाई है चुनाव जीतने में सफल रहा है. हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाता भी हैं, लेकिन दोनों ही समुदाय चुनाव मैदान में गठजोड़ करने में विफल रहे हैं. वहीं, अगर बात वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों की कि जाए तो भाजपा ने जिला कांगड़ा में 15 में से 11 सीटे जीती थी. कांग्रेस के खाते में 3 और एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत था. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1985 से बारी बारी कांग्रेस व भाजपा सत्ता पर काबिज होती रही है, लेकिन इस बार चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी भी कूद गई है.

आम आदमी पार्टी का भी अब यह कहना है कि आप भी इस मर्तबा विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस बार आप चुनावी समीकरणों पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाएगी. हालांकि कही न कही भाजपा व कांग्रेस पार्टी को वोट शेयरिंग का खामियाजा देखने को मिल सकता है ऐसे में अब देखना यह रोमांचक रहेगा कि आप कितनी वोट शेयरिंग कर सकने में कामयाब रहती है.

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धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में कुल 15 विधानसभा सीटें हैं. इन्हीं विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा जमाने के लिए भाजपा ने इन दिनों जिला कांगड़ा में डेरा जमाए हुआ है. वहीं, राजनीतिक पंडितों का भी यह कहना है कि जो पार्टी जिला कांगड़ा में जीत जाती है. वह सत्ता पर काबिज हो जाती है. भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी 15 दिनों के भीतर ही जिला कांगड़ा का दो बार दौरा कर चुके हैं. इससे पहले जहां नगरोटा बगवां में जगत प्रकाश नड्डा ने रोड शो व जनसभा को संबोधित किया था तो वहीं, अब भाजयुमो द्वारा आयोजित अभ्यास वर्ग में भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पहुंचकर भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर जीत का मंत्र भी दिया.

कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र ओबीसी बहुल होने के कारण हर चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस क्षेत्र में घिरथ जाति का खासा प्रभाव रहा है और यह इस क्षेत्र की हकीकत है कि जिस प्रत्याशी ने इनको साध कर अपनी रणनीति बनाई है चुनाव जीतने में सफल रहा है. हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाता भी हैं, लेकिन दोनों ही समुदाय चुनाव मैदान में गठजोड़ करने में विफल रहे हैं. वहीं, अगर बात वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनावों की कि जाए तो भाजपा ने जिला कांगड़ा में 15 में से 11 सीटे जीती थी. कांग्रेस के खाते में 3 और एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत था. हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1985 से बारी बारी कांग्रेस व भाजपा सत्ता पर काबिज होती रही है, लेकिन इस बार चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी भी कूद गई है.

आम आदमी पार्टी का भी अब यह कहना है कि आप भी इस मर्तबा विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी वहीं, राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इस बार आप चुनावी समीकरणों पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाएगी. हालांकि कही न कही भाजपा व कांग्रेस पार्टी को वोट शेयरिंग का खामियाजा देखने को मिल सकता है ऐसे में अब देखना यह रोमांचक रहेगा कि आप कितनी वोट शेयरिंग कर सकने में कामयाब रहती है.

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