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जाइका के सहयोग से वन क्षेत्र को बढ़ाने पर दिया जाएगा बल: पठानिया - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया ने प्रेस वार्ता (Rakesh Pathania in Dharamsala) को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांगड़ा के वन क्षेत्र में वृद्धि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन कर रहे लोगों की आर्थिकी में सुधार हेतु 150 करोड़ रुपये की एक योजना जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के सहयोग से आरम्भ की जा रही है.

Rakesh Pathania in Dharamsala
वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया
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Published : Feb 27, 2022, 4:39 PM IST

कांगड़ा: जिला कांगड़ा के वन क्षेत्र में वृद्धि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन कर रहे लोगों की आर्थिकी में सुधार हेतु 150 करोड़ रुपये की एक योजना जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के सहयोग से आरम्भ की जा रही है. यह जानकारी वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए दी.

पठानिया ने बताया कि वन विभाग जल्द ही अपना एक नया नर्सरी विंग भी प्रारम्भ (Rakesh Pathania in Dharamsala) करने जा रहा है, ताकि वन विभाग को उच्च गुणवत्ता की पौध सुनिश्चित हो सके. इसके लिए प्रारूप तैयार कर लिया गया है और नए विंग के गठन के लिए जो भी आवश्यक है. इसमें विशेषज्ञों की भी उपलब्धता एवं स्टाफ व अन्य उपकरण और संसाधन भी तैयार कर लिए गए हैं.

प्रथम चरण में इस योजना के तहत नूरपुर, धर्मशाला एवं पालमपुर व देहरा वन मंडल को चयनित किया जा रहा है. योजना के तहत जिले के 63 वार्डों में स्वयं सहायता समूहों का गठन कर, लोगों की आजीविका को ऊपर उठाने एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि सतत् वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन परियोजना के अंतर्गत वृक्षारोपण के माध्यम से वन क्षेत्र कवर किया जाना है. जिसमें घने वनों/खुले वनों का सुधार, चारागाहों का सुधार इत्यादि शामिल है. वन वृत्त और परिक्षेत्र स्तर की नर्सरियों में स्थानीय प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए मॉडल नर्सरी विकसित की जानी है. पठानिया ने कहा कि परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य के लिए वन विभाग को सामुदायिक स्तर के संस्थानों और पीएमयू कर्मचारियों की संस्थागत क्षमता को मजबूत करना आवश्यक है.

इस घटक के माध्यम से परियोजना वन प्रबन्धन और जैव विविधता संरक्षण दोनों के लिए एमआईएस/जीआईएस के माध्यम से मानव संसाधन क्षमताओं और ज्ञान के आधार पर निर्णय लेने वाली सहायता का प्रभावी उपयोग या निगरानी तंत्र में सुधार का संवर्धन करेगी पीएमयू स्तर पर एक विशेष जड़ी-बूटी सेल का गठन किया गया है जो वन क्षेत्रों से एनटीएफपी की विशेष रूप से औषधीय पौधें के अस्थिर निष्कर्षण का विनियमित करना.

कुछ पहचान प्रजातियों के एक्स सीटू प्रचार का मानकीकरण किया जा सकता है जो युवाओं को स्थायी आजीविका और आय सृजन के अवसर प्रदान करने के लिए सहायक होगा प्रस्तावित समूहों में कलस्टर स्तर हिम जड़ी बूटी सहकारी समितियों के गठन का समर्थन करना है.

ये भी पढ़ें- Job Fair: EEE से इंटेलिजेंट होंगे प्रदेश के 50 कॉलेजों के 5 हजार युवा, स्किल से संवरेगा करियर: मारकंडा

कांगड़ा: जिला कांगड़ा के वन क्षेत्र में वृद्धि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन कर रहे लोगों की आर्थिकी में सुधार हेतु 150 करोड़ रुपये की एक योजना जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के सहयोग से आरम्भ की जा रही है. यह जानकारी वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री राकेश पठानिया ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए दी.

पठानिया ने बताया कि वन विभाग जल्द ही अपना एक नया नर्सरी विंग भी प्रारम्भ (Rakesh Pathania in Dharamsala) करने जा रहा है, ताकि वन विभाग को उच्च गुणवत्ता की पौध सुनिश्चित हो सके. इसके लिए प्रारूप तैयार कर लिया गया है और नए विंग के गठन के लिए जो भी आवश्यक है. इसमें विशेषज्ञों की भी उपलब्धता एवं स्टाफ व अन्य उपकरण और संसाधन भी तैयार कर लिए गए हैं.

प्रथम चरण में इस योजना के तहत नूरपुर, धर्मशाला एवं पालमपुर व देहरा वन मंडल को चयनित किया जा रहा है. योजना के तहत जिले के 63 वार्डों में स्वयं सहायता समूहों का गठन कर, लोगों की आजीविका को ऊपर उठाने एवं स्वरोजगार उपलब्ध करवाने पर बल दिया जाएगा.

वीडियो.

उन्होंने कहा कि सतत् वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन परियोजना के अंतर्गत वृक्षारोपण के माध्यम से वन क्षेत्र कवर किया जाना है. जिसमें घने वनों/खुले वनों का सुधार, चारागाहों का सुधार इत्यादि शामिल है. वन वृत्त और परिक्षेत्र स्तर की नर्सरियों में स्थानीय प्रजातियों के उच्च गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने के लिए मॉडल नर्सरी विकसित की जानी है. पठानिया ने कहा कि परियोजना के प्रभावी कार्यान्वयन के उद्देश्य के लिए वन विभाग को सामुदायिक स्तर के संस्थानों और पीएमयू कर्मचारियों की संस्थागत क्षमता को मजबूत करना आवश्यक है.

इस घटक के माध्यम से परियोजना वन प्रबन्धन और जैव विविधता संरक्षण दोनों के लिए एमआईएस/जीआईएस के माध्यम से मानव संसाधन क्षमताओं और ज्ञान के आधार पर निर्णय लेने वाली सहायता का प्रभावी उपयोग या निगरानी तंत्र में सुधार का संवर्धन करेगी पीएमयू स्तर पर एक विशेष जड़ी-बूटी सेल का गठन किया गया है जो वन क्षेत्रों से एनटीएफपी की विशेष रूप से औषधीय पौधें के अस्थिर निष्कर्षण का विनियमित करना.

कुछ पहचान प्रजातियों के एक्स सीटू प्रचार का मानकीकरण किया जा सकता है जो युवाओं को स्थायी आजीविका और आय सृजन के अवसर प्रदान करने के लिए सहायक होगा प्रस्तावित समूहों में कलस्टर स्तर हिम जड़ी बूटी सहकारी समितियों के गठन का समर्थन करना है.

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