धर्मशाला: जल्द कांगड़ा के लोगों को इटली के सेब का स्वाद चखने को मिलेगा. हिमाचल प्रदेश बागवानी (Himachal Pradesh Horticulture Development Scheme) विकास योजना के तहत इटली से सेब, पलम, अखरोट सहित अन्य फलों के पौधे इम्पोर्ट किए गए हैं. करीब 1 लाख 11 हजार पौधे इम्पोर्ट किए गए. जिन्हें कांगड़ा के शाहपुर स्थित पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया, इससे पहले जिले के बागवान फ्रांस से 8 वर्ष पूर्व इम्पोर्ट किए गए सेब के पौधों की खेती कर रहे थे. जिनमें अन्ना और डोरसेट गोल्डन प्रमुख है.
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि विश्व बैंक वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास प्रोजेक्ट के तहत सेब सहित अन्य फलों के 1.11 लाख पौधे इटली से इम्पोर्ट किए गए हैं, जिन्हें विभाग के शाहपुर स्थित पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. एक साल बाद इन पौधों का वितरण बागवानों को किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार बागवानी विभाग द्वारा जो भी पौधे विदेश से आयात किए जाते हैं, उन्हें स्टडी के लिए एक वर्ष तक विभाग अपनी निगरानी में रखता है .विभाग का मानना है कि विदेश से आने वाले पौधे कोई बीमारी तो साथ नहीं लाए, जिससे कि बागवानों को उसका नुकसान उठाना पड़ा. इस संबंध में विस्तार से अध्ययन के लिए पौधों को विभाग अपनी निगरानी में रखता है .यह कहना गलत न होगा कि अब जिले के बागवान फ्रांस के सेब पौधों की फसल के बाद इटली में तैयार सेब के पौधों की फसल का स्वाद चख सकेंगे.
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हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास योजना: इटली के सेब और पलम का स्वाद चख सकेंगे लोग - Himachal Pradesh Horticulture Development Scheme
जल्द कांगड़ा के लोगों को इटली के सेब का स्वाद चखने को मिलेगा. हिमाचल प्रदेश बागवानी (Himachal Pradesh Horticulture Development Scheme) विकास योजना के तहत इटली से सेब, पलम, अखरोट सहित अन्य फलों के पौधे इम्पोर्ट किए गए हैं. करीब 1 लाख 11 हजार पौधे इम्पोर्ट किए गए हैं.
धर्मशाला: जल्द कांगड़ा के लोगों को इटली के सेब का स्वाद चखने को मिलेगा. हिमाचल प्रदेश बागवानी (Himachal Pradesh Horticulture Development Scheme) विकास योजना के तहत इटली से सेब, पलम, अखरोट सहित अन्य फलों के पौधे इम्पोर्ट किए गए हैं. करीब 1 लाख 11 हजार पौधे इम्पोर्ट किए गए. जिन्हें कांगड़ा के शाहपुर स्थित पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया, इससे पहले जिले के बागवान फ्रांस से 8 वर्ष पूर्व इम्पोर्ट किए गए सेब के पौधों की खेती कर रहे थे. जिनमें अन्ना और डोरसेट गोल्डन प्रमुख है.
बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि विश्व बैंक वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास प्रोजेक्ट के तहत सेब सहित अन्य फलों के 1.11 लाख पौधे इटली से इम्पोर्ट किए गए हैं, जिन्हें विभाग के शाहपुर स्थित पोस्ट एंट्री क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. एक साल बाद इन पौधों का वितरण बागवानों को किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार बागवानी विभाग द्वारा जो भी पौधे विदेश से आयात किए जाते हैं, उन्हें स्टडी के लिए एक वर्ष तक विभाग अपनी निगरानी में रखता है .विभाग का मानना है कि विदेश से आने वाले पौधे कोई बीमारी तो साथ नहीं लाए, जिससे कि बागवानों को उसका नुकसान उठाना पड़ा. इस संबंध में विस्तार से अध्ययन के लिए पौधों को विभाग अपनी निगरानी में रखता है .यह कहना गलत न होगा कि अब जिले के बागवान फ्रांस के सेब पौधों की फसल के बाद इटली में तैयार सेब के पौधों की फसल का स्वाद चख सकेंगे.
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