कांगड़ा: जिले के पालमपुर में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए एलजीबीटीक्यू (लेस्बियन, गे, बाय-सेक्शुअल्स, ट्रांसजेंडर्स और क्वीर) समुदाय के लोगों ने रैली (palampur lgbt community rally) निकाली थी. इस रैली का स्थानीय लोगों और व्यापार मंडल ने विरोध (Palampur rally Controversy) किया था. साथ ही, प्रशासन की ओर से मिली मंजूरी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं, हिमाचल क्वीर कलेक्टिव संस्था से जुड़े लोगों ने रैली को लेकर अपना पक्ष रखा.
हिमाचल क्वीर कलेक्टिव संस्था (Himachal Queer Collective Society) के सदस्य शशांक का कहना है कि अक्सर लेस्बियन और गे जैसे लोगों को समाज में प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है. इनसे घृणा की जाती है. जबकि यह भी इंसान हैं और इनके साथ भी इंसानों जैसा व्यवहार करना चाहिए. हमारे संविधान में सबके समान अधिकार हैं तो फिर यौनिक रुझान की वजह से भेदभाव क्यों?
पालमपुर में बुधवार को हुए आयोजन की तरह हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में और भी आयोजन किए जाएंगे. शशांक का कहना है कि आने वाले समय में इन लोगों के प्रति जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं उस लड़ाई में हम कामयाब भी होंगे. पालमपुर में आयोजित रैली के बाद देश के कई हिस्सों से इस रैली को लेकर पॉजिटिव प्रतिक्रिया आ रही है.
रैली के दौरान हिमाचल प्राइड परेड 2021, बारबरी और मोहब्बत का दिन जैसे नारे लगे. समुदाय से जुड़े लोगों ने मोहब्बत, बराबरी और शांति का संदेश दिया. साथ ही पितृसत्ता, महिला विरोधी सोच, लैंगिक भेदभाव, जहरीली मर्दानगी, रूढ़िवादी सोच के खिलाफ भी आवाज बुलंद की गयी.
बता दें कि पालमपुर प्रशासन की ओर से शहर में रैली निकालने की अनुमति मिली थी और 15 लोगों के शामिल होने की बात कही गई थी. इस बाबत जब पालमपुर एसडीएम अमित गुलेरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि समुदाय से जुड़े लोगों ने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में रैली निकालने की परमिशन मांगी थी.
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