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पालमपुर में तहसीलदार के माध्यम से सीटू व किसान सभा ने CM को भेजा ज्ञापन, ये रखी मांगें - अखिल भारतीय किसान

मजदूर जनसंगठनों की संयुक्त समन्वय समिति ने तहसीलदार भवारना के माध्यम से मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांग पत्र भेजा. इस दौरान सीटू के नेताओं ने मांगों को पूरा न होने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही. जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी.

Memorandum sent to CM in CITU  through Tehsildar in Palampur
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Published : Aug 10, 2020, 7:55 PM IST

पालमपुर/कांगड़ाः अखिल भारतीय किसान व मजदूर जनसंगठनों की संयुक्त समन्वय समिति ने तहसीलदार भवारना के माध्यम से सोमवार को मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांग पत्र भेजा. इस मौके पर सीटू के जिलाध्यक्ष केवल कुमार ने कहा कि ज्ञापन में सरकार से संविधान की सातवीं सूची के अनुसार पूर्व सरकार ने जो अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत सभी भूमिहीनों लोगों को दस-दस कनाल के पट्टे मुफ्त आवंटित किए जाएंगे.

वीडियो रिपोर्ट

केवल कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वन विभाग किसानों को जमीनों से बेदखल कर रहा है, जिसे तुरंत रोका जाए. कोरोना महामारी के समय कृषि क्षेत्र में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए खाद, बीज व औजारों पर सब्सिडी बहाल की जाए.

केवल कुमार ने मांग करते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल, बस किराया वृद्धि व बिजली की दरों में बढ़ोतरी को तत्काल वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि महामारी के चलते जनता की रोजी रोटी छीन गई है. जनता पर आर्थिक बोझ न डाला जाए. कांगड़ा से कंडवाल क्षेत्र में बने चक्की पुल तक ब्यास नदी के तटों को नो माइनिंग जोन घोषित किया जाए. पालमपुर व नगरोटा क्षेत्र में मुख्य नकदी फसल आलू है. कांगड़ा जिला में आलू के चिप्स की फैक्ट्री लगाई जाए.

केवल कुमार ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने इन मुद्दों पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की तो किसानों और मजदूर संगठनों को सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ सकता है. इसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी. इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में किसान सभा के जिला सचिव सतपाल सिंह, डॉक्टर एम एस दत्तल और सुभाष चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे .

ये भी पढ़ेंः राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना, कहा: फर्जी डिग्री मामले पर कार्रवाई नहीं कर रही सरकार

पालमपुर/कांगड़ाः अखिल भारतीय किसान व मजदूर जनसंगठनों की संयुक्त समन्वय समिति ने तहसीलदार भवारना के माध्यम से सोमवार को मुख्यमंत्री को सात सूत्रीय मांग पत्र भेजा. इस मौके पर सीटू के जिलाध्यक्ष केवल कुमार ने कहा कि ज्ञापन में सरकार से संविधान की सातवीं सूची के अनुसार पूर्व सरकार ने जो अधिसूचना जारी की थी, जिसके तहत सभी भूमिहीनों लोगों को दस-दस कनाल के पट्टे मुफ्त आवंटित किए जाएंगे.

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केवल कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते वन विभाग किसानों को जमीनों से बेदखल कर रहा है, जिसे तुरंत रोका जाए. कोरोना महामारी के समय कृषि क्षेत्र में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए खाद, बीज व औजारों पर सब्सिडी बहाल की जाए.

केवल कुमार ने मांग करते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल, बस किराया वृद्धि व बिजली की दरों में बढ़ोतरी को तत्काल वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि महामारी के चलते जनता की रोजी रोटी छीन गई है. जनता पर आर्थिक बोझ न डाला जाए. कांगड़ा से कंडवाल क्षेत्र में बने चक्की पुल तक ब्यास नदी के तटों को नो माइनिंग जोन घोषित किया जाए. पालमपुर व नगरोटा क्षेत्र में मुख्य नकदी फसल आलू है. कांगड़ा जिला में आलू के चिप्स की फैक्ट्री लगाई जाए.

केवल कुमार ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने इन मुद्दों पर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की तो किसानों और मजदूर संगठनों को सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ सकता है. इसकी सारी जिम्मेवारी सरकार की होगी. इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल में किसान सभा के जिला सचिव सतपाल सिंह, डॉक्टर एम एस दत्तल और सुभाष चौधरी सहित अन्य लोग मौजूद रहे .

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