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लेटर बम ने हिलाई 'बीजेपी' की जमीन, शांता से लेकर जयराम तक को लपेटा - मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था, जिसमें शांता कुमार, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को घेरा गया था.

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Published : Sep 11, 2019, 9:17 PM IST

धर्मशाला: कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था. ये पत्र किसी और के नाम पर नहीं, बल्कि दो बार मुख्यमंत्री रह चुके शांता कुमार के नाम पर था. इस पत्र पर शांता कुमार को जमकर घेरा गया और उनकी एक पुस्तक का जिक्र भी किया गया था.

पत्र में शांता कुमार के लिए लिखा गया था की प्रदेश में जो भ्रष्टाचार हो रहा है, उसके खिलाफ क्यों नहीं बोला जा रहा है. साथ ही पत्र में सीधा-सीधा स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को घेरा गया था.

पत्र में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार पर आरोप लगाए गए थे कि प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की दवा कंपनियों के साथ मिली-भगत करके करोड़ों रुपये का चूना प्रदेश सरकार को लगा रहे हैं. उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर को भी इस पत्र में जमकर घेरा और जिक्र किया गया कि प्रदेश में आखिर क्यों अधिक कीमत पर सीमेंट बिक रहा है. आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की सीमेंट कंपनियों के साथ सांठ-गांठ है.

प्रदेश में हर महीने 500 करोड़ का कर्ज दिया जा रहा है, लेकिन इसका विकास सिर्फ मुख्यमंत्री की विधानसभा में ही दिखाई दे रहा है. पत्र में पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र का भी जिक्र करते हुए लिखा गया कि प्रदेश में अपनी पीढ़ी के आप दो ही नेता बचे हैं. वीरभद्र अपने केसों से बचने के लिए सरकार के साथ खड़े हो गए, लेकिन जो जीवन भर की कमाई की है, वो डेढ़ सालों में गंवाने की कगार पर आप आ चुके हैं.

वीडियो

एसपी कांगड़ा विमकुत रंजन ने कहा कि इस मामले पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और छानबीन की जा रही है. संम्बंधित व्यक्तियों से पूछताछ हुई है और जरूरत हुई तो उनसे दोबारा पूछताछ की जाएगी.

बता दें कि जब ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो भाजपा में सुगबुगाहट तेज हो गई, लेकिन कोई नेता इस पर बात करने को तैयार नहीं. आरोप लगाए गए है कि पूर्व मंत्री रविंदर रवि के इशारे पर ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

धर्मशाला: कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ था. ये पत्र किसी और के नाम पर नहीं, बल्कि दो बार मुख्यमंत्री रह चुके शांता कुमार के नाम पर था. इस पत्र पर शांता कुमार को जमकर घेरा गया और उनकी एक पुस्तक का जिक्र भी किया गया था.

पत्र में शांता कुमार के लिए लिखा गया था की प्रदेश में जो भ्रष्टाचार हो रहा है, उसके खिलाफ क्यों नहीं बोला जा रहा है. साथ ही पत्र में सीधा-सीधा स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को घेरा गया था.

पत्र में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार पर आरोप लगाए गए थे कि प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की दवा कंपनियों के साथ मिली-भगत करके करोड़ों रुपये का चूना प्रदेश सरकार को लगा रहे हैं. उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर को भी इस पत्र में जमकर घेरा और जिक्र किया गया कि प्रदेश में आखिर क्यों अधिक कीमत पर सीमेंट बिक रहा है. आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की सीमेंट कंपनियों के साथ सांठ-गांठ है.

प्रदेश में हर महीने 500 करोड़ का कर्ज दिया जा रहा है, लेकिन इसका विकास सिर्फ मुख्यमंत्री की विधानसभा में ही दिखाई दे रहा है. पत्र में पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र का भी जिक्र करते हुए लिखा गया कि प्रदेश में अपनी पीढ़ी के आप दो ही नेता बचे हैं. वीरभद्र अपने केसों से बचने के लिए सरकार के साथ खड़े हो गए, लेकिन जो जीवन भर की कमाई की है, वो डेढ़ सालों में गंवाने की कगार पर आप आ चुके हैं.

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एसपी कांगड़ा विमकुत रंजन ने कहा कि इस मामले पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और छानबीन की जा रही है. संम्बंधित व्यक्तियों से पूछताछ हुई है और जरूरत हुई तो उनसे दोबारा पूछताछ की जाएगी.

बता दें कि जब ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो भाजपा में सुगबुगाहट तेज हो गई, लेकिन कोई नेता इस पर बात करने को तैयार नहीं. आरोप लगाए गए है कि पूर्व मंत्री रविंदर रवि के इशारे पर ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.

Intro:धर्मशाला- कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हुआ यह पत्र किसी और के नाम पर नहीं बल्कि प्रदेश में भाजपा के दिग्गज नेता और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके शांता कुमार के नाम पर था इस पत्र पर शांता कुमार को जमकर घेरा गया था और उनकी एक पुस्तक का जिक्र भी किया गया था। पत्र में शांता कुमार के लिए लिखा गया था की प्रदेश में जो भ्रष्टाचार हो रहा है उसके खिलाफ क्यों नहीं बोला जा रहा है। वही इस पत्थर में सीधा सीधा स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और मुख्यमंत्री को भी घेरा गया था।




Body:पत्र में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार पर आरोप लगाए गए थे कि प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की दवाई कंपनियों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं और करोड़ों रुपए की चपत  प्रदेश सरकार को लगा रहे हैं। पत्र में लिखा है कि वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले हो रहे हैं । उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर को भी इस पत्र में जमकर घेरा और जिक्र किया गया कि प्रदेश में आखिर क्यों अधिक कीमत पर सीमेंट बिक रहा है आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री की सीमेंट कंपनियों के साथ सांठगांठ है। प्रदेश में हर महीने 500 करोड पर का कर्ज दिया जा रहा है लेकिन इसका विकास सिर्फ मुख्यमंत्री की विधानसभा में ही दिखाई दे रहा पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र का भी जिक्र किया गया इस प्रकार किया गया कि प्रदेश में अपनी पीढ़ी के आप दो ही नेता बचे हैं वीरभद्र अपने केशों से बचने के लिए सरकार के साथ खड़े हो गए परंतु आपने जो अपने जीवन भर की कमाई की बहि डेढ़ वर्षो में गवाने की कगार पर आप आ चुके हैं।

जब यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब से भाजपा में थोड़ी भी सुगबुगाहट  तेज हो गई लेकिन कोई नेता बात करने को तैयार नहीं पुलिस थाने में बएकडा एफआईआर दर्ज करवाई गई और पुलिस ने जांच भी शुरू की । जानकारी के अनुसार आरोप लागये गए पूर्व मंत्री रविंदर रवि पर की उनके इशारे पर यह पत्र सोसेल मीडिया पर वायरल हुआ है। वही रविंदर रवि से इस मामले में पूछताछ भी हुई है।


Conclusion:वही एसपी कांगड़ा विमकुत रंजन ने बतया की केस पंजीकरण किया गया और  जांच जारी है उन्होंने कहा कि सम्बंधित व्यक्तियों से पूछताछ हुई है उन्होंनेकहा की यदि जरूरत हुई तो उनसे दोबारा पूछताछ की जाएगी । उन्होंने कहा कि मोबाइल फ़ोन को कब्जे में लिया गया है और फोरेसिंक लैब में जांच चल रही है।

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