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गद्दी शब्द न मिलने पर चुनावों में भुगतना होगा परिणाम, हिमालयन गद्दी यूनियन ने जताया कड़ा आक्रोश

हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है. जिसमें दूसरी बार मोहिंद्र सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. (Himalayan Gaddi Union Himachal Pradesh) (Himalayan Gaddi Union new executive Formation) पढ़ें पूरी खबर...

Himalayan Gaddi Union new executive Formation
हिमालयन गद्दी यूनियन
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Published : Oct 14, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 4:34 PM IST

धर्मशाला: हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है. जिसमें दूसरी बार मोहिंद्र सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस दौरान धर्मशाला में प्रेस से बातचीत करते हुए हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि कांगड़ा-चंबा के पदाधिकारियों-लोगों ने संयुक्त प्रेस वार्ता की है. अध्यक्ष ने कहा कि गद्दी समुदाय की वंचित छह उपजातियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. समुदाय की 25 फीसदी उपजाति के लोगों को गद्दी शब्द मिला है, जबकि 75 फीसदी को वंचित रखा गया है.

मोहिंद्र सिंह ने कहा गद्दी समुदाय की वंचित उपजातियों में छह को अब तक वंचित रखा गया, जिसमें हाली, सिप्पी, वाड़ी, ढोगरी, रिहाड़े व लोहार की मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर मांग उठाई थी. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने तत्कालीन डीसी से जांच करवाई थी. जिसके आधार पर तीन-तीन बार रिपोर्ट बनाने के बाद सरकार के पास भेजी गई. जिसमें स्पष्ट रूप से उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जोड़ने की सिफारिश करने सहित भेजी जबकि अब तक मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया.

उन्होंने कहा कि वह अब तक अपनी मांगों को लेकर 16 बार सीएम से मुलाकात कर चुके हैं. इस बीच फिर सीएम से मिलने पर चौथी रिपोर्ट भी मांगी, जोकि डीसी की ओर से सभी उपमंडल स्तर के अधिकारियों की ओर से हिमाचल सरकार को भेजी गई जिसमें भी वंचित उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जुड़ना अनिवार्य बताया गया है, बाबजूद इसके अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, अब 21 सितंबर को एक बार फिर से जिला चंबा से भी रिपोर्ट जांच के लिए भेज दी है.

हिमालयन गद्दी यूनियन के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि चार-चार बार जांच करवाने के बाद भी आखिर क्यों सीएम जयराम ठाकुर रुके हुए हैं. उन्होंने कहा कि 14 विधानसभा क्षेत्रों में चार लाख की जनसंख्या रहती है. अगर उनकी डिमांड पूरी नहीं कि जाती है, तो उसका परिणाम भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर भी आंदोलन करने के बावजूद वर्तमान सरकार ने चार लाख लोगों को पूरी तरह से नाराज किया है.

उन्होंने गद्दी समुदाय के सांसद, नेताओं व विधायकों पर भी कड़ा आक्रोश जताया है कि उनकी ओर से भी सही तरीके से बात नहीं उठाई गई. अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती, तो समुदाय के लोग मिलकर कड़ा फैसला लेंगे. (Himalayan Gaddi Union Himachal Pradesh) (Himalayan Gaddi Union Press Conference In Dharmashala) (Gaddi Welfare Board) (Gaddi community in Himachal) (Himalayan Gaddi Union new executive Formation)

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने खारिज की ईस्ट इंडिया होटल्स की अपील, वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल मामले में सरकार को राहत

धर्मशाला: हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है. जिसमें दूसरी बार मोहिंद्र सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस दौरान धर्मशाला में प्रेस से बातचीत करते हुए हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि कांगड़ा-चंबा के पदाधिकारियों-लोगों ने संयुक्त प्रेस वार्ता की है. अध्यक्ष ने कहा कि गद्दी समुदाय की वंचित छह उपजातियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. समुदाय की 25 फीसदी उपजाति के लोगों को गद्दी शब्द मिला है, जबकि 75 फीसदी को वंचित रखा गया है.

मोहिंद्र सिंह ने कहा गद्दी समुदाय की वंचित उपजातियों में छह को अब तक वंचित रखा गया, जिसमें हाली, सिप्पी, वाड़ी, ढोगरी, रिहाड़े व लोहार की मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर मांग उठाई थी. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने तत्कालीन डीसी से जांच करवाई थी. जिसके आधार पर तीन-तीन बार रिपोर्ट बनाने के बाद सरकार के पास भेजी गई. जिसमें स्पष्ट रूप से उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जोड़ने की सिफारिश करने सहित भेजी जबकि अब तक मांग पर कोई कदम नहीं उठाया गया.

उन्होंने कहा कि वह अब तक अपनी मांगों को लेकर 16 बार सीएम से मुलाकात कर चुके हैं. इस बीच फिर सीएम से मिलने पर चौथी रिपोर्ट भी मांगी, जोकि डीसी की ओर से सभी उपमंडल स्तर के अधिकारियों की ओर से हिमाचल सरकार को भेजी गई जिसमें भी वंचित उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जुड़ना अनिवार्य बताया गया है, बाबजूद इसके अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, अब 21 सितंबर को एक बार फिर से जिला चंबा से भी रिपोर्ट जांच के लिए भेज दी है.

हिमालयन गद्दी यूनियन के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि चार-चार बार जांच करवाने के बाद भी आखिर क्यों सीएम जयराम ठाकुर रुके हुए हैं. उन्होंने कहा कि 14 विधानसभा क्षेत्रों में चार लाख की जनसंख्या रहती है. अगर उनकी डिमांड पूरी नहीं कि जाती है, तो उसका परिणाम भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर भी आंदोलन करने के बावजूद वर्तमान सरकार ने चार लाख लोगों को पूरी तरह से नाराज किया है.

उन्होंने गद्दी समुदाय के सांसद, नेताओं व विधायकों पर भी कड़ा आक्रोश जताया है कि उनकी ओर से भी सही तरीके से बात नहीं उठाई गई. अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती, तो समुदाय के लोग मिलकर कड़ा फैसला लेंगे. (Himalayan Gaddi Union Himachal Pradesh) (Himalayan Gaddi Union Press Conference In Dharmashala) (Gaddi Welfare Board) (Gaddi community in Himachal) (Himalayan Gaddi Union new executive Formation)

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने खारिज की ईस्ट इंडिया होटल्स की अपील, वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल मामले में सरकार को राहत

Last Updated : Oct 14, 2022, 4:34 PM IST
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