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कोविड नियमों के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में कक्षाएं शुरू करने के निर्देश

हिमाचल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में कक्षाएं शुरू करने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. निजी शिक्षण संस्थानों को कोविड नियमों के तहत विश्वविद्यालय खुलने होंगे. वहीं, विश्वविद्यालयों की बसों में भी 50 फीसदी छात्रों को बैठने की अनुमति होगी. साथ ही कैंटीन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा.

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हिमाचल निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग
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Published : Feb 25, 2021, 9:51 PM IST

धर्मशाला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों को खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी निजी शिक्षण संस्थानों में नियमित रूप से कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं. निजी स्कूलों की बात की जाए तो कई स्कूलों में उच्च कक्षा के छात्रों को ही अभी बुलाया जा रहा है, लेकिन काफी ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी भी नियमित कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं. ऐसे में राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में कक्षाएं शुरू करने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है.

17 निजी विश्वविद्यालय के लिए जारी किए निर्देश

राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों को कोविड के नियमों के तहत खोलने के निर्देश दिए गए हैं. आयोग ने प्रदेश के 17 निजी विश्वविद्यालय के लिए एडवाजरी जारी की है और विश्वविद्यालयों को यूजीसी की गाइडलाइन भेज दी गई हैं. राज्य शिक्षण संस्थान नियामक आयोग का कहना है निजी विश्वविद्यालयों में धीरे-धीरे कक्षाएं शुरू की जानी चाहिए.

लॉकडाउन से बंद निजी शिक्षण संस्थान

बता दें कि लॉकडाउन के चलते निजी शिक्षण संस्थान बीते वर्ष से बंद है. लगभग एक वर्ष से निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की नियमित कक्षाएं नहीं लग रही हैं. निजी विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्र-छात्राएं भी पढाई कर रहे हैं. छात्रों के लिए अब ये भी चिंता का विषय बना हुआ है कि नियमित कक्षाएं लगाए बिना वो कैसे फाइनल परीक्षाएं दे पाएंगे.

कोविड के तहत खोलने होंगे निजी शिक्षण शिक्षण

निजी शिक्षण शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से जारी एडवाइजरी में छात्रों को कोविड के नियमों का पालन करते हुए नियमित कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए गए हैं. छात्रावासों में भी इन नियमों का पालन किया जाएगा, जिसके तहत छात्रावास के एक कमरे में केवल एक छात्र को ही रहने की अनुमति होगी. कक्षाओं में छात्रों को दो गज की दूरी में बैठना होगा और विश्वविद्यालयों की बसों में भी 50 फीसदी छात्रों को बैठने की अनुमति होगी. साथ ही कैंटीन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. इसके अलावा जो छात्र नियमित कक्षाएं नहीं लगा सकते है या संस्थान में नहीं आना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन पढाई जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें: युवाओं के लिए रोजगार का सुनहरा मौका, धर्मशाला में इस दिन होंगे साक्षात्कार

धर्मशाला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों व कॉलेजों को खोल दिया गया है, लेकिन अभी भी निजी शिक्षण संस्थानों में नियमित रूप से कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं. निजी स्कूलों की बात की जाए तो कई स्कूलों में उच्च कक्षा के छात्रों को ही अभी बुलाया जा रहा है, लेकिन काफी ऐसे स्कूल हैं, जहां अभी भी नियमित कक्षाएं शुरू नहीं हुई हैं. ऐसे में राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों में कक्षाएं शुरू करने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है.

17 निजी विश्वविद्यालय के लिए जारी किए निर्देश

राज्य निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने निजी विश्वविद्यालयों को कोविड के नियमों के तहत खोलने के निर्देश दिए गए हैं. आयोग ने प्रदेश के 17 निजी विश्वविद्यालय के लिए एडवाजरी जारी की है और विश्वविद्यालयों को यूजीसी की गाइडलाइन भेज दी गई हैं. राज्य शिक्षण संस्थान नियामक आयोग का कहना है निजी विश्वविद्यालयों में धीरे-धीरे कक्षाएं शुरू की जानी चाहिए.

लॉकडाउन से बंद निजी शिक्षण संस्थान

बता दें कि लॉकडाउन के चलते निजी शिक्षण संस्थान बीते वर्ष से बंद है. लगभग एक वर्ष से निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की नियमित कक्षाएं नहीं लग रही हैं. निजी विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्र-छात्राएं भी पढाई कर रहे हैं. छात्रों के लिए अब ये भी चिंता का विषय बना हुआ है कि नियमित कक्षाएं लगाए बिना वो कैसे फाइनल परीक्षाएं दे पाएंगे.

कोविड के तहत खोलने होंगे निजी शिक्षण शिक्षण

निजी शिक्षण शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से जारी एडवाइजरी में छात्रों को कोविड के नियमों का पालन करते हुए नियमित कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए गए हैं. छात्रावासों में भी इन नियमों का पालन किया जाएगा, जिसके तहत छात्रावास के एक कमरे में केवल एक छात्र को ही रहने की अनुमति होगी. कक्षाओं में छात्रों को दो गज की दूरी में बैठना होगा और विश्वविद्यालयों की बसों में भी 50 फीसदी छात्रों को बैठने की अनुमति होगी. साथ ही कैंटीन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा. इसके अलावा जो छात्र नियमित कक्षाएं नहीं लगा सकते है या संस्थान में नहीं आना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन पढाई जारी रहेगी.

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