हमीरपुर: चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बंद होने के फरमान को लेकर गुरुवार को भी लोगों ने प्रदर्शन किया. लोगों ने भोटा अस्पताल के बाहर शिमला-मटौर एनएच पर चक्का जाम कर दिया. इसके अलावा सलौनी में भी लोगों ने प्रदर्शन किया. यहां लोगों ने बड़सर-ऊना सड़क मार्ग को जाम कर दिया.
लोगों ने सरकार से मांग की है कि अस्पताल के सुचारू संचालन को लेकर ब्यास प्रबंधन की मांग को सरकार पूरा करे. प्रबंधन को सरकार लिख कर दे कि उनकी मांग को पूरा किया जाएगा. बीते बुधवार को पांच घंटे तक एनएच को जाम किया गया था. पुलिस ने यातायात को बहाल करने के लिए डिडवीं टिक्कर से पट्टा और भोटा से सौर मनसुई होते हुए ट्रैफिक को डायवर्ट किया.
स्थानीय निवासी विजय वर्मा का कहना है कि भोटा अस्पताल से गरीब लोगों को काफी लाभ मिलता है. इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए. इसी के चलते भोटा और सलौनी में प्रदर्शन किया गया और लोगों ने चक्का जाम किया.
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वहीं, अश्विनी शर्मा का कहना है कि राधा स्वामी अस्पताल के बाहर बीते चार दिनों से प्रदर्शन चला हुआ है जिसके चलते सलौनी में बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध-बड़सर-ऊना सड़क पर लोगों ने प्रदर्शन कर सड़क को जाम किया. इस अस्पताल से गरीब लोगों को निशुल्क इलाज मिलता है.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल भोटा साल 1999 से चला हुआ है. इसके दायरे में 25 ग्राम पंचायतों के लोग सस्ता इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन अब पहली दिसंबर से अस्पताल को बंद करने के नोटिस लगाए जाने से लोग भड़क गए हैं. अस्पताल बंद होने के विरोध में लोग चक्का जाम के साथ धरना प्रदर्शन करने लगे हैं.
बता दें कि चैरिटेबल अस्पताल भोटा का कई सालों से करोड़ों रुपये का जीएसटी लंबित पड़ा है जिसके कारण अस्पताल की जमीन राधास्वामी सोसाइटी के पास ट्रांसफर नहीं हो पाई है जिससे अब अस्पताल में अपग्रेडेशन का काम रूका है. वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जमीन हस्तांतरण मामले में जल्द लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करने का आश्वासन दिया है.