ज्वालामुखीः कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से हर कोई सहमा हुआ है. ऐसे में लोग काफी एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन ज्वालामुखी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है. यहां पर एक दुकानदार की बिना टेस्ट करवाए कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. इससे दुकानदार भी हैरान है.
दरअसल, ज्वालामुखी में एहतियात के तौर पर दुकानदारों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं. इसके बाद एक दुकानदार ने भी टेस्ट करवाने के लिए पंजीकरण करवाया, लेकिन किसी कारणवश टेस्ट नहीं करवा पाया, लेकिन रिपोर्ट जरूर नेगेटिव आ गई. दूसरी तरफ जवालामुखी के ही वार्ड नम्बर-4 से शिवम चौधरी पुत्र राम कुमार के साथ भी इसी तरह का मामला सामने आया है.
शिवम ने बताया कि उसने 10 दिसंबर को परीक्षण के लिए पंजीकरण करवाया था, लेकिन उस दिन टेस्ट ना होने की वजह से उसे 11 दिसंबर को बुलाया गया. अगले दिन वह किसी जरूरी काम से राज्य से बाहर चला गया था, जिसके कारण सैंपल नहीं दे सका. अब बिना सैंपल दिए ही उसके मोबाइल फोन पर कोरोना पॉजिटिव का संदेश भेजा गया है. उससे बार-बार पूछताछ की जा रही है. इससे स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी लोग सवाल उठाने लगे हैं.
कौताही बरतने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
नगर के पूर्व पार्षद शिव कुमार गोस्वामी ने भी अपना पंजीकरण 10 दिसंबर को ही अस्पताल पहुंचकर करवाया, लेकिन सैंपल दिए ही विभाग ने उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव बताकर उन्हें प्रमाणपत्र भी थमा दिया. इस दौरान शिव गोस्वामी के अनुसार इस तरह की लापरवाही से किसी को बहुत नुकसान भी हो सकता है. उन्होंने जिला प्रशासन समेत स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से इस मामले की जांच करवाकर कौताही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
मामले जांच की जाएगी
वहीं, खण्ड चिकित्सा अधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि ज्वालामुखी में पिछले एक सप्ताह में 4 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. इस तरह की व्यवस्था से स्वस्थ लोगों पर भी बीमारी का खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है. यदि ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी. यह गम्भीर मसला है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि बीएमओ जवालामुखी को जांच के आदेश दिए जा रहे हैं.