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बाढ़ पीड़ितों का दर्द! जमींदोज हो गए आशियाने, बदन पर कपड़े के सिवाय कुछ भी नहीं बचा

कांगड़ा जिले में आई प्राकृतिक आपदा ने लोगों का सब कुछ छीन लिया. चैतड़ू गांव में बाढ़ की चपेट से 10 घर जमींदोज हो गए. इन लोगों के पास सिवाए बदन पर पड़े कपड़े के कुछ भी नहीं बचा है. पीड़ितों ने सरकार से रहने के लिए घर का इंतजाम करने की अपील की है.

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Published : Jul 16, 2021, 8:26 PM IST

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में बरसात की पहली बारिश आफत बनकर आई थी. कांगड़ा जिले में मूसलाधार बारिश से खड्डों में बाढ़ आ गई और कई मकान इसकी जद में आकर जमींदोज हो गए. लोगों के पूरे जीवन की सारी जमा पूंजी बाढ़ में तबाह हो गई. अब लोगों के पास बदन पर पड़े कपड़ों के अलावा कुछ नहीं बचा है.

बीते सोमवार को चैतड़ू गांव में तकरीबन 10 पक्के मकान इस बाढ़ की चपेट में आने से मलबे में तब्दील हो गए. इन मकानों में रहने वाले परिवार अब सर छुपाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गए हैं. बरसात की पहली बारिश से आई बाढ़ इन लोगों का सब कुछ अपने साथ बहा कर ले जा चुकी है. अब इन लोगों के पास सिवाय दुख और मायूसी के कुछ नहीं बचा हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

हालांकि, इस आपदा से प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन की और से फौरी राहत प्रदान की गई है, लेकिन लोगों पर टूटे मुसीबतों के पहाड़ के मुकाबले यह फौरी राहत नाकाफी नजर आ रही है.

इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके परिवारों का कहना है कि बाढ़ में केवल वे अपनी जान बचा पाए, बाकी घर में रखा सामान पानी में बह गया. उनके पास सिवाए कपड़े के अब कुछ भी नहीं है. उनकी सरकार से यही मांग है कि उन्हें रहने के लिए मकान मुहैया कराए. फिलहाल, बगली पंचायत ने इन लोगों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया है. जिले में नुकसान की बात की जाए तो अभी तक करीब 57 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है.

ये भी पढ़ें: बाढ़ से बेघर हुए गरीब, सरकार से आशियाने की गुहार

धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में बरसात की पहली बारिश आफत बनकर आई थी. कांगड़ा जिले में मूसलाधार बारिश से खड्डों में बाढ़ आ गई और कई मकान इसकी जद में आकर जमींदोज हो गए. लोगों के पूरे जीवन की सारी जमा पूंजी बाढ़ में तबाह हो गई. अब लोगों के पास बदन पर पड़े कपड़ों के अलावा कुछ नहीं बचा है.

बीते सोमवार को चैतड़ू गांव में तकरीबन 10 पक्के मकान इस बाढ़ की चपेट में आने से मलबे में तब्दील हो गए. इन मकानों में रहने वाले परिवार अब सर छुपाने के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गए हैं. बरसात की पहली बारिश से आई बाढ़ इन लोगों का सब कुछ अपने साथ बहा कर ले जा चुकी है. अब इन लोगों के पास सिवाय दुख और मायूसी के कुछ नहीं बचा हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

हालांकि, इस आपदा से प्रभावित लोगों को जिला प्रशासन की और से फौरी राहत प्रदान की गई है, लेकिन लोगों पर टूटे मुसीबतों के पहाड़ के मुकाबले यह फौरी राहत नाकाफी नजर आ रही है.

इस आपदा में अपना सब कुछ खो चुके परिवारों का कहना है कि बाढ़ में केवल वे अपनी जान बचा पाए, बाकी घर में रखा सामान पानी में बह गया. उनके पास सिवाए कपड़े के अब कुछ भी नहीं है. उनकी सरकार से यही मांग है कि उन्हें रहने के लिए मकान मुहैया कराए. फिलहाल, बगली पंचायत ने इन लोगों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया है. जिले में नुकसान की बात की जाए तो अभी तक करीब 57 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है.

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