धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत डॉ. शैलेंद्र कुमार वर्मा को रॉयल सोसायटी ब्रिटेन से प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला है. उन्हें उनके किए गए शोध कार्य के लिए यह अवॉर्ड दिया गया है.
डॉ. शैलेंद्र कुमार वर्मा के किए गए शोध कार्य का उद्देश्य प्रधान खाद्य फसलों में खनिज सूक्ष्म पोषक तत्वों को बढ़ाना और विश्व से कुपोषण की समस्या को दूर करना है. रॉयल सोसाइटी इस शोध का समर्थन करने के लिए 6000 ब्रिटिश पाउंड (लगभग साढ़े 5 लाख रुपये) का योगदान देगी. इस अवार्ड के माध्यम से डॉ. वर्मा खनिज कुपोषण को मिटाने के उद्देश्य से किंग्स कॉलेज लंदन के साथ मिलकर काम करेंगे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 2 अरब से अधिक लोग खनिज सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित हैं और यह समस्या भारत में अत्यंत भयावह है. अधिकांश भारतीय आबादी गेहूं-चावल जैसी मुख्य फसलों पर निर्भर हैं. अधिकांश गेहूं की किस्में अधिक उपज के लिए तैयार की गई हैं, लेकिन उनमें खनिज पोषक तत्वों की कमी होती हैं.
डॉ. वर्मा ने गेहूं के हाइब्रिड विकसित किए थे जिनमें खनिज सूक्ष्म पोषक तत्व अधिक मात्र में होते हैं. वह गेहूं के बीजों में खनिज उपलब्धता का अध्ययन करने के लिए अत्याधुनिक उन्नत लंदन मेटालॉमिक्स फैसिलिटी में काम करेंगे. प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. महेश कुल्हरिया और स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के सभी संकाय सदस्यों ने उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने पर बधाई दी है.
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