कांगड़ा: बीते दिनों बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी अपने पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा के चलते चर्चा में बनीं हुई थीं. एडल्ट फिल्म मामले में फंसे राज कुंद्रा करीब 2 महीने तक जेल में थे. लंबे समय तक जेल में रहने के बाद आखिरकार सितंबर में उन्हें जमानत मिल गई. हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद से ही वह सार्वजनिक तौर पर शिल्पा और अपने परिवार के साथ नजर नहीं आए थे वहीं, अब काफी समय बाद शिल्पा शेट्टी अपने पति राज कुंद्रा के साथ नजर आईं. यह पहली बार है जब जेल से निकलने के बाद दोनों साथ दिखाई दिए हैं. दोनों पति पत्नी हिमाचल प्रदेश में ज्वालाजी और मां चामुंडा देवी मंदिर के दर्शन करने पहुंचे थे.
वहीं, कांगड़ा जिले में दोनों ने शत्रुनाशिनी मां बगलामुखी मंदिर बनखंडी में तांत्रिक अनुष्ठान करवाया. इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी अपने पति राज कुंद्रा के साथ चामुंडा देवी मंदिर व ज्वालामुखी मंदिर पहुंची थी. यहां उन्होंने मां ज्वालाजी की दिव्य ज्योतियों के दर्शन किए. इसके साथ ही उन्होंने अकबर नहर व अकबर द्वारा चढ़ाया गया सोने का छत्र भी देखा.
बता दें कि कांगड़ा के देहरा के वनखंडी में स्थापित सिद्ध पीठ धरती पर मां बगलामुखी का ये एक मात्र सिद्ध पीठ है. जहां राजनीति और सिनेमा जगत से जुड़े लोग अपनी पहचान बदल कर तात्रिक अनुष्ठान करवाते हैं. राजयोग, शत्रुनाश, शत्रुभय, मुकदमा विजय एवं सर्व सिद्धि के लिए इस सिद्ध पीठ में देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आते हैं. हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के बनखंडी में प्राचीन शत्रुनाशिनी देवी बगलामुखी मंदिर में कई नामी हस्तियां रात के अंधेरे में और अपनी पहचान बदलकर मां बगलामुखी में तांत्रिक हवन करवाते रहे हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी भी मीडिया से बचते हुए यहां हवन करवा चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी भी यहां दर्शन व अनुष्ठान करवाते थे, जब वह हिमाचल प्रदेश बीजेपी के प्रभारी थे. सन 1977 में चुनावों में हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी प्रदेश के इस प्राचीन मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करवाया. उसके बाद वह फिर दोबारा सत्ता में आई और 1980 में देश की प्रधानमंत्री बनीं.
गौरतलब है कि शत्रुनाशिनी देवी मां बगलामुखी मंदिर में मुकदमों में फंसे लोग, परिवारिक कलह व जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए मां बगलामुखी का तांत्रिक हवन करवाते है. मां बगलामुखी तांत्रिक देवी हैं, इसलिए भक्त तांत्रिक साधना व पूजा करवाते हैं. इस पूजा को गोपनीय रखा जाता है, तभी इसका फल जल्दी मिलता है. इस तांत्रिक शत्रुनाशिनी पूजा में पूजा करवाने वाले को अपने शत्रुओं का नाम मन में ही लेना होता है.
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