धर्मशाला: हिमाचल में कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में टैक्सी ड्राइवरों पर दोहरी मार पड़ी है. लॉकडाउन में ढील होने के बाद भी सवारियों की संख्या बेहद कम है, जिसकी वजह से ड्राइवरों की आमदनी बंद है.
वहीं, दूसरी ओर आबकारी एवं कराधान विभाग ने गाड़ियों के पैसेंजर टैक्स न अदा करने के चलते चालान काटना शुरू कर दिए हैं. शनिवार को धर्मशाला में विभाग ने कमर्शियल व्हीकल्स के पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स की रसीद न दिखाने के चलते चालान काटे गए.
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग के तहत वसूले जाने वाले टोकन टैक्स और स्पेशल रोड टैक्स में छूट की अधिसूचना जारी की है, न कि एचपीपीजीटी एक्ट में पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स के संबंध में छूट का प्रावधान किया है. इसके चलते अभी चालान काटे गए हैं, पेनाल्टी नहीं लगाई गई है.
धर्मशाला में ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपेरटर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सूद ने कहा कि हिमाचल में टैक्सी और केब ड्राइवरों के सामने खाद्यान्न संकट की स्थिति आ गई है. इस वजह से हिमाचल के टैक्सी ड्राइवरों के सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.
जहां एक ओर टैक्सियों की भारी-भरकम ईएमआई ड्राइवरों को देनी पड़ रही है. वहीं, उनके लिए अपने परिवार का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में विभाग के चालान काटने से उनकी समस्याएं बढ़ गई हैं. बाजार खुलने के बावजूद यात्रियों की संख्या बहुत कम है. जो भी लोग आवाजाही कर रहे हैं, तो वो अपनी प्राइवेट गाड़ियों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं.
वहीं, उन्होंने ने कहा कि हिमाचल के टैक्सी ड्राइवर दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह ही प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो लगातार अपनी गाड़ियों को सेनिटाइज करते हैं और यात्रियों को किसी तरह से कोरोना महामारी का खतरा न हो इसका पूरा ध्यान रखते हैं. इसके बावजूद उन्हें सवारियां नहीं मिल पा रही हैं. सरकार ने उन्हें जल्द आर्थिक मदद नहीं दी तो उनके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है.
वहीं, उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने भी अपने टेक्सी ऑपरेटर को आर्थिक मदद दी है. उन्होंने कहा कि सरकार हमारी भी उसी तर्ज पर मदद करे. उन्होंने कहा कि टैक्सी चालकों को भी कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में रखा जाए.