चंबाः जिला चंबा के भरमौर उपमंडल में रावी नदी पर निर्माणाधीन कुठेहड़ हाईड्रो प्रोजेक्ट की ज्यूरा स्थित साईट पर पांच दिनों से काम ठप पड़ा हुआ है. परियोजना में रोजगार न मिलने से गुस्साए ग्रामीणों ने यहां एडिट फोर पर काम रुकवा दिया है. लिहाजा कंपनी प्रबंधन के काम को बहाल करने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.
वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने भी दो टूक कहा है कि जब तक कंपनी स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं देती, परियोजना की साईट पर काम किसी सूरत में शुरू नहीं होने दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार कुठेहड़ परियोजना की ज्यूरा गांव के पास स्थित एडिट फोर का काम गरोला पंचायत के ककरी और स्वाई के ग्रामीणों ने चार दिन पहले बंद करवा दिया था.
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चले डेढ़ साल का समय हो चुका है. बावजूद इसके कंपनी प्रबंधन स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है. ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन रोजगार के नाम पर झूठे आश्वासन दे रहा है, जिसे अब बर्दाशत नहीं किया जाएगा.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि काम बंद करने के चलते कंपनी प्रबंधन पुलिस के जरिये डराया-धमकाया जा रहा है. वहीं, गत दिनों मांगों को लेकर मामला एसडीएम भरमौर के समक्ष भी पहुंचा. इस दौरान कंपनी प्रबंधन रोजगार की बात तो कह रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी के समक्ष लिखित रूप से देने में तैयार नहीं है.
ग्रामीणों का कहना है कि रविवार को काम बंद रखने का पांचवां दिन है, लेकिन अभी तक न तो क्षेत्र के विधायक और ना ही पंचायत के प्रतिनिधियों ने उनकी सुध लेने की जहमत उठाई है. आंदोलन की राह पर चले ग्रामीणों ने जनप्रतिधियों की खामोशी पर भी सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर क्यों वह ग्रामीणों की हक की लड़ाई में साथ देने के बजाये खामोश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कंपनी प्रबंधन लिखित तौर पर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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