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आस्था पर कोरोना भारी: लोग घरों में ही मना रहे गणेशोत्सव

चंबा की पर्यटन नगरी डलहौजी में लोगों ने कोरोना महामारी के कारण गणपति बप्पा को अपने घर में विराजमान किया है. साथ विघ्नहर्ता से कोरोना महामारी को खत्म करने की दुआ की है. पूजा के दौरान महिलाओं ने मास्क व अन्य सुरक्षा उपायों का पूरा ख्याल रखा और सामाजिक दूरी का पालन किया.

people establish Ganpati Bappa at home due
घरों में विराजमान हुए विघ्नहर्ता
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Published : Aug 23, 2020, 3:20 PM IST

चंबा: कोरोना महामारी के चलते मार्च से धर्मिक स्थल बंद हैं और भक्तों की आवाजाही पर पूर्णत प्रतिबंध है. वहीं, कोविड-19 का असर गणेश चतुर्थी के मौके पर भी देखने को मिला. हर साल की तरह इस साल भगवान गणेश की स्थापना मंदिरों में नहीं की गई, बल्कि लोगों ने अपने घरों में विघ्नहर्ता को विराजमान किया है.

बता दें कि पर्यटन नगरी डलहौजी में लोगों ने गणपति बप्पा को घर में स्थापित करके गणपति बप्पा मोरया के उद्घघोष के साथ उनकी पूजा-अर्चना की. साथ ही सिद्धिविनायक से कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की. पूजा के दौरान महिलाओं ने मास्क व अन्य सुरक्षा उपायों का पूरा ख्याल रखा और सामाजिक दूरी का पालन किया.


people establish Ganpati Bappa at home
गणपति बप्पा का स्वागत करती महिलाएं.

स्थानीय निवासी प्रिया गंडोत्रा ने बताया कि गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर गणपति बप्पा की स्थापना अपने घर में की है. कोरोना वायरस के कारण स्वागत में कुछ कमी तो रही, लेकिन बप्पा का स्वागत अच्छे तरीके से किया गया. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि विघ्नहर्ता गणपति जल्द ही कोरोना महामारी को खत्म करके पूरे विश्व को इससे मुक्ति दिलाएंगे.

वीडियो.

पार्षद वंदना चड्डा ने कहा कि हर साल हम हर्षोल्लास के साथ गणपति जी का स्वागत करते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऐसा नहीं हो सका. हालांकि छोटा सा कार्यक्रम आयोजित करके गणपति जी की स्थापना घर में की गई है.

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. ये त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था. कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है और प्रतिमा का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है. नौ दिन बाद गानों और बाजों के साथ गणेश प्रतिमा को किसी तालाब इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है.

ये भी पढ़ें: भारी बारिश के कारण अथेड़ गांव में मकान क्षतिग्रस्त, परिवार ने लगाई सहायता की गुहार

चंबा: कोरोना महामारी के चलते मार्च से धर्मिक स्थल बंद हैं और भक्तों की आवाजाही पर पूर्णत प्रतिबंध है. वहीं, कोविड-19 का असर गणेश चतुर्थी के मौके पर भी देखने को मिला. हर साल की तरह इस साल भगवान गणेश की स्थापना मंदिरों में नहीं की गई, बल्कि लोगों ने अपने घरों में विघ्नहर्ता को विराजमान किया है.

बता दें कि पर्यटन नगरी डलहौजी में लोगों ने गणपति बप्पा को घर में स्थापित करके गणपति बप्पा मोरया के उद्घघोष के साथ उनकी पूजा-अर्चना की. साथ ही सिद्धिविनायक से कोरोना महामारी को खत्म करने की प्रार्थना की. पूजा के दौरान महिलाओं ने मास्क व अन्य सुरक्षा उपायों का पूरा ख्याल रखा और सामाजिक दूरी का पालन किया.


people establish Ganpati Bappa at home
गणपति बप्पा का स्वागत करती महिलाएं.

स्थानीय निवासी प्रिया गंडोत्रा ने बताया कि गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर गणपति बप्पा की स्थापना अपने घर में की है. कोरोना वायरस के कारण स्वागत में कुछ कमी तो रही, लेकिन बप्पा का स्वागत अच्छे तरीके से किया गया. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि विघ्नहर्ता गणपति जल्द ही कोरोना महामारी को खत्म करके पूरे विश्व को इससे मुक्ति दिलाएंगे.

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पार्षद वंदना चड्डा ने कहा कि हर साल हम हर्षोल्लास के साथ गणपति जी का स्वागत करते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऐसा नहीं हो सका. हालांकि छोटा सा कार्यक्रम आयोजित करके गणपति जी की स्थापना घर में की गई है.

गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है. ये त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था. कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है और प्रतिमा का नौ दिनों तक पूजन किया जाता है. नौ दिन बाद गानों और बाजों के साथ गणेश प्रतिमा को किसी तालाब इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है.

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